उत्तराखण्ड
एमबीपीजी से सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ संतोष मिश्र ने विद्युत शवदाह गृह रानीबाग पहुंचकर नगर के समाजसेवियों, जागरूक लोगों से आग्रह किया कि पारंपरिक दाह संस्कार के साथ-साथ विद्युत शवदाह गृह को भी अपनाने की पहल करें।,,
हल्द्वानी,,,जिलाधिकारी वंदना सिंह कि इस अपील पर कि सिविल सोसाइटी के लोग विद्युत शवदाह गृह के बारे में लोगों को जागरूक करें, आज एमबीपीजी से सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ संतोष मिश्र ने विद्युत शवदाह गृह रानीबाग पहुंचकर नगर के समाजसेवियों, जागरूक लोगों से आग्रह किया कि पारंपरिक दाह संस्कार के साथ-साथ विद्युत शवदाह गृह को भी अपनाने की पहल करें। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना महामारी के समय जब चारों तरफ बड़ी संख्या में शवों का दाह संस्कार न हो पाने के कारण बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया था, उस समय विद्युत शवदाह गृह ही सहारा बना था। इसलिए लोगों को इस आधुनिक सहयोगी को महत्व देते हुए इसके बारे में जनसाधारण को जागरूक करने की आवश्यकता है।
हाल ही में दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा, वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज, अभिनेता ऋषि कपूर और वरिष्ठ नेता जार्ज फर्नांडिस का अंतिम संस्कार भी विद्युत शवदाह गृह में ही पूर्ण किया गया। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का अन्तिम संस्कार सीएनजी शवदाह गृह में संपन्न हुआ था।
यहां बताते चलें कि डॉ सन्तोष मिश्र ने बहुत पहले ही सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में सपरिवार मरणोपरांत देहदान के लिए शपथ पत्र प्रस्तुत किया है और साथ ही एम्स दिल्ली में संपूर्ण परिवार ने अंगदान के लिए भी संकल्प पत्र भरा है।
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