उत्तराखण्ड
जिलाधिकारी रीना जोशी ने शामा-लीती में क्षेत्र भ्रमण कर शामा में निर्मित ग्रोथ सेंटर का निरीक्षण करने के साथ ही शामा लीती के प्रगतिशील कास्तकारों के पॉलीहाउस, कीवी, ट्राउट मछली उत्पादन एवं शीप फॉर्म का निरीक्षण किया।,
बागेशेर
जिलाधिकारी रीना जोशी ने शामा-लीती में क्षेत्र भ्रमण कर शामा में निर्मित ग्रोथ सेंटर का निरीक्षण करने के साथ ही शामा लीती के प्रगतिशील कास्तकारों के पॉलीहाउस, कीवी, ट्राउट मछली उत्पादन एवं शीप फॉर्म का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने भूमियाल देवता प्राथमिक मत्स्य जीवी सहकारी समिति द्वारा लीती रिठकुला में ट्राउट मछली उत्पादन का निरीक्षण किया, निरीक्षण दौरान समिति के अध्यक्ष मोहनी देवी व सचिव दरबान सिंह ने बताया कि समिति में 12 परिवार कलस्टर के रूप में ट्राउट मछली पालन से जुडे है। समिति द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 30 क्विंटल मछली का उत्पादन किया जा रहा हैं, जिससे उन्हें प्रतिवर्ष 05 से 06 लाख तक का शुद्ध आय हो रही है। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा उन्हें आर्थिक के साथ ही तकनीकि सहायता व पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। जिस पर जिलाधिकारी ने प्रशन्ता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने मत्स्य अधिकारी मनोज मियान को निर्देश दियें कि वे क्षेत्र के अन्य काश्तकारो को भी भूमियाल देवता प्राथमिक मत्स्य जीवी सहकारी समिति का भ्रमण कराकर मत्स्य पालन हेतु प्रोत्साहित करें।
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने शामा-लीती में प्रगतिशील कास्तकार हरीश चन्द्र सिंह कोरंगा के कीवी उद्यान का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान श्री कोरंगा ने बताया कि उद्यान विभाग के सहयोग से 15 नाली में 160 कीवी के पौधें लगायें गयें है, जो फल देते है, जिसमें से 25 से 30 क्विंटल कीवी का उत्पादन होता है, जिससे 04 से 05 लाख तक वार्षिक आय अर्जित हो जाती है। जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि प्रगतिशील किसान कोरंगा को 80 प्रतिशत राज्य सहायता पर पॉलीहाउस उपलब्ध करायें गयें है तथा कीवी फॉर्मेशन हेतु पौध उत्पादन व घेर-बाड भी राज्य सहायता में उपलब्ध करायी गयी व कीवी बगीचें में ड्रिप/स्प्रिकलर की स्थापना के साथ ही औद्यानिक निवेश, कीट-व्याधि रसायन व समय-समय पर तकनीकि मार्गदर्शन भी उद्यान विभाग द्वारा दिया जाता है। जिस पर जिलाधिकारी ने खुशी जाहिर की।
तद्पश्चात जिलाधिकारी ने राजकीय भेड प्रजनन फॉर्म शामा-लीती का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पशु चिकित्साधिकारी ने शीप फॉर्म की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी, जिस पर जिलाधिकारी ने स्थानीय भेड पालकों को भी गतिविधियों से लाभान्वित करने के निर्देश दियें। इसके बाद जिलाधिकारी ने प्रगतिशील किसान भवान सिंह के पॉलीहाउस का निरीक्षण किया। जिस पर भवान सिंह ने बातया कि उकने द्वारा पॉलीहाउस में बंदगोभी का उत्पादन किया जा रहा हैं, जिससे वे अच्छी आय अर्जित कर रहें है। इसके बाद जिलाधिकारी ने ग्राम्या द्वारा निर्मित कृषि व्यवसाय ग्रोथ सेंटर का निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान राजेन्द्र सिंह द्वारा जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि ग्रोथ सेंटर से क्षेत्र के 08 गांवों के 44 समूह जुडें हैं, जिनके द्वारा उत्पादित उत्पादों का विक्रय ग्रोथ सेंटर के माध्यम से किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने उत्पादों की पैकेजिंग व मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दियें।
निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी मोनिका, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 आर चन्द्रा, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, मत्स्य अधिकारी मनोज मियान तथा तहसीलदार पूजा शर्मा आदि मौजूद थे।