उत्तराखण्ड
अपने दायित्वों का निर्वहन ही देश के लिए योगदान है : प्रो. लोहनी
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का तीन दिवसीय प्रगति उत्सव ध्वजारोहण व गीत-संगीत के कार्यक्रमों के साथ संपन्न
हल्द्वानी,
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय प्रगति उत्सव आज 69वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, देशभक्ति गीतों, कविताओं और योग की आकर्षक प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हुआ।
प्रातः ध्वजारोहण के उपरांत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी ने अपने संबोधन में कहा कि –
“विदेश की धरती पर जब हम रहते हैं तो आजादी का महत्व और भी गहराई से अनुभव होता है। इस आजादी की रक्षा हेतु आवश्यक है कि हम अपने दायित्वों का ईमानदारी और निष्ठा से निर्वहन करें। देशभक्ति केवल सीमा पर ही नहीं, बल्कि अपने पद और कार्यक्षेत्र में जिम्मेदारी निभाने में भी निहित है।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत आज विश्व के मानचित्र पर एक मजबूत स्थिति में है और दुनिया भारत की आजादी को महत्व देती है। “हमें राष्ट्र के रोल मॉडल बनने की दिशा में कार्य करना होगा,” प्रो. लोहनी ने कहा।
शैक्षिक व सांस्कृतिक समृद्धि पर बल
कार्यक्रम में यह भी उल्लेख किया गया कि राज्य सरकार द्वारा हर जिले में मॉडल शिक्षा केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनके संयोजन का दायित्व उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को सौंपा गया है। इस पर विश्वविद्यालय परिवार ने प्रसन्नता व्यक्त की।
पहरु पत्रिका के संपादक हयात सिंह रावत ने कुलपति का स्वागत करते हुए कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं की अस्मिता को संरक्षित करने में विवि की अहम भूमिका होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि विवि की लाइब्रेरी में कुमाऊँनी और गढ़वाली साहित्य की पुस्तकों को स्थान दिया जाए, जिससे भविष्य के पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता मिल सके।
विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
ध्वजारोहण के पश्चात् सांस्कृतिक कार्यक्रम आरंभ हुए।
- विश्वविद्यालय के संगीत विभाग एवं स्टाफ सदस्यों ने देशभक्ति गीतों की शानदार प्रस्तुतियाँ दीं।
- योग विभाग के विद्यार्थियों ने समूह एवं एकल योग-नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध किया।
- अकादमिक एवं शिक्षणेत्तर विभाग से भी अनेक गीत और कविताएँ प्रस्तुत की गईं।
विशिष्ट उपस्थिति
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. खेमराज भट्ट, वित्त नियंत्रक सूर्य प्रताप सिंह, प्रो. पी.डी. पंत, प्रो. गिरिजा पांडे, प्रो. मंजरी अग्रवाल, प्रो. राकेश रयाल, प्रो. एम.एम. जोशी, कवि नरेन्द्र बंगारी, जन्मजेय तिवारी सहित शोधार्थियों एवं संपूर्ण विश्वविद्यालय परिवार की गरिमामयी उपस्थिति रही।
दो दिवसीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसे सभी ने देखा और सराहा।
कार्यक्रम का संचालन डा. शशांक शुक्ला एवं डा. राजेन्द्र कैड़ा द्वारा किया गया।















