उत्तराखण्ड
दिव्यांग आदित्य गुरूरानी ने भारत के लिए एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप ताशकंद उज़्बेकिस्तान में रचा इतिहास जीते 3 गोल्ड मेडल और 1 सिल्वर मेडल
पवनीत सिंह बिंद्रा
हल्द्वानी के मानसिक दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की संस्था रोशनी सोसायटी के पुनर्वास केंद्र के एक डाउन सिंड्रोम युवक आदित्य गुरूरानी ने भारत के लिए एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप ताशकंद उज़्बेकिस्तान में रचा इतिहास जीते 3 गोल्ड मेडल और 1 सिल्वर मेडल
आदित्य ने अपने इवेंट के अलग अलग भार वर्ग में जो भार उठाए उसका विवरण निम्नानुसार हैं:-
1- Squat में 100 Kg – Gold Medal
2- Deadlift में 100Kg- Gold Medal
3- Bench Press में 60 Kg- Gold Medal
4- Combined में Silver Medal
मानसिक दिव्यांग होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करना और मेडल जीतकर रोशनी सोसायटी,हल्द्वानी, उत्तराखंड और भारत का नाम रोशन किया।
आदित्य गुरूरानी का स्वागत कार्यक्रम रोशनी सोसायटी ने अपने सेंटर पर स्वागत सम्मान समारोह आयोजित कर किया जिसमें ढोल नगाड़ों और फूल मालाओं से आदित्य का भव्य स्वागत हुआ और मिठाइयां बांटी गईं
इस अवसर पर आदित्य गुरूरानी के परिजन,रोशनी सोसायटी के सभी पदाधिकारी, विशेष बच्चों के अभिभावक, रोशनी सेंटर के स्पेशल एजुकेटर, थैरेपिस्ट, टीचर्स और सभी रोशनी सोसायटी के बच्चों ने आदित्य गुरूरानी का स्वागत किया।
रोशनी सोसायटी की अध्यक्ष श्रीमती शिवानी पाल ने बेहद खुश होते हुए कहा कि आदित्य के साथ साथ अन्य बच्चों के लिए भविष्य में और तैयारियां की जाएंगी जिससे अन्य बच्चों को भी अपने अंदर के टैलेंट को दिखाने का मौका मिलेगा।
उपाध्यक्ष श्रीमती हेमा परगांई ने आदित्य का मेडल लाना इन बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत और स्पेशल पेरेंट्स के लिए प्रेरणादायक बताया ।
रोशनी सोसायटी के सचिव गोविन्द मेहरा द्वारा आदित्य गुरूरानी के इस प्रतियोगिता में भाग लेने में लगे खर्च को वहन करने और उसमें सहयोग करने के लिए नैनीताल की जिलाधिकारी महोदया श्रीमती वंदना सिंह जी , देश के वरिष्ठतम वैज्ञानिक डा. संजीव जोशी जी , वरिष्ठतम इं. श्री महेश जोशी जी, रोशनी सोसायटी के हर समय साथ खड़े रहने वाले श्री अनिल पाठक जी,डा. रुचि तिवारी जी, कर्नल अवधेश जी , रजनीश यशवस्थी एवं उनके साथियों के साथ रोशनी सोसायटी के अभिवावकों एवं अन्य सभी शुभचिंतकों, सहयोग कर्ताओं का तहेदिल से आभार जताया जिनकी मदद से आदित्य का इस मुकाम पर पहुंचना संभव हो पाया। साथ ही आदित्य को आगामी स्पेशल ओलंपिक के लिए तैयारी और रिसोर्स तैयार करने के लिए प्रयास करने की बात कही।