उत्तराखण्ड
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की आँखों के सामने हो रहा महिला अस्पताल के प्रांगण में कब्जा/अतिक्रमण ,विभाग खामोश ,क्यों।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की आँखों के सामने हो रहा महिला अस्पताल के प्रांगण ओर कब्जा/अतिक्रमण।विभाग खामोश क्यों।
सितारगंज ,,सरकारी महिला अस्पताल के चारदीवारी के अंदर प्रवेश करने के लिए गेट और खिडकियों के द्वारा दबंगों द्वारा लगाया जा रहा है।अपने मकानों के निर्माण के साथ ही बिना स्वास्थ्य विभाग को सूचना दीए कई व्यक्ति यों ने कुछ समय पहले प्रागंण की ओर फाटक और खिड़कियां लगाई थी।फिर भी स्वास्थ्य विभाग मौन धारण कर अपनी आँखों से अवैध कब्जा/अतिक्रमण को देखता जा रहा।अब मौजूदा समय में एक दबंग व्यक्ति अपने विशाल भवन का निर्माण कर रहा था साथ में स्वास्थ्य विभाग के सरकारी महिला अस्पताल सितारगंज की चारदीवारी के अंदर की ओर आने जाने के लिए गेट लगा रहा है।लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य के अधीक्षक को पता ही नहीं तथा वहाँ ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी ने व फार्मासिस्ट ने विभाग अधिकारियों को सूचना दी या नहीं ।लेकिन अवैध तरीक़े से अस्पताल की चारदीवारी के अंदर प्रवेश करने के लिए सब कुछ नाजायज कब्जाधारी अपना प्रभाव साबित कर रहे हैं।
तथा अभी दो तीन दिन पहले अस्पताल के ऊपर रखा पानी का टैंक चोर उठाकर ले गये व खिडकियों पर लोहे की मोटी मोटी सरिया चोर ले गए।खिड़कियों को भी तोडऩे की कोशिश की गई थी।
कई साल पहले इसी महिला अस्पताल से बहुत सारा भवन में लगे मैटेरियल को चोर चुरा ले गए थे।लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी मूकदर्शक बनकर सरकारी संपत्तियों के प्रति लापरवाह क्यों ।ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों का दबंगों व चोरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई या नहीं ये पता नहीं चल पा रहा कुल मिलाकर यह बहुत बड़ी विभाग के प्रतिकूल लापरवाही बरती जा रही है।कर्मचारियों व अधिकारियों को जहाँ के वेतन से जीविका चलती है वहाँ की देखरेख उनकी भी जिम्मेदारी है।तत्काल ऐसी स्थिति में उच्च अधिकारियों को सूचित करना चाहिए।जिससे विभाग की संपत्तियों को किसी प्रकार की हानि न होने पाए।
इसके साथ ही महिला अस्पताल में मरीजों के लिए पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है।न ही शौचालय की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। धरातल न डिजिटल इंडिया, न स्वास्थ्य न शिक्षा न सरकारी निर्माण कार्यों द्वारा सौंदर्यीकरण न ग्राउण्ड लेवल पर विकास की जगह विनाश अवश्य ही हो रहा है।इस खेल को जनता भी मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है।
आ गए अच्छे दिन।सब चंगा ही चंगा है।