उत्तराखण्ड
लाइन में काम करते हुए विद्युत कर्मियों की मौत के बाद परिवार को नहीं मिला मुआवजा,,
भवाली ,,यू एस सिजवाली ,,
भवाली विद्युत लाइनों में फाल्ट को ठीक करते समय विद्युत कर्मियों की करंट में चपेट मे आने से मौत थी कुछ वर्ष पूर्व आपदा में विद्युत लाइन को दुरुस्त करते हुए रामगढ़ में ही एक विद्युत कर्मी की मौत हो गई थी जिसको अभी भी न्याय नहीं मिल पाया है मृतक की पत्नी दर-दर की ठोकरें खाकर अपनी फरियाद कर रही है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं इसके लिए कांट्रेक्टर प्रथा को काफी हद तक जिम्मेदार माना जा रहा है विद्युत लाइन में काम करने वाले विद्युत कर्मी ठेकेदार के होते हैं और विभाग से उनका कोई ज्यादा मतलब पता नहीं है ऐसे हादसों में यह भी एक सोचनीय है शटडाउन देने के बाद अचानक करंट आना यह संदेहास्पद बना देता है इसमें शटडाउन प्रक्रिया और उसके बाद विद्युत लाइन में करंट यह कुछ समझ से परे की बातें हैं लेकिन एक विद्युत कर्मी का जीवन समाप्त हो जाता है विभाग के अपने मानक है वह कुछ थोड़ा पैसा देकर परिवार वालों को संतावना दे देते हैं लेकिन हास्य मृतक और उसके परिवार में क्या बीतती है यह समझने वाली बात है इसके लिए ऊर्जा निगम में कोई विशेष गाइडलाइन ऐसे हादसों में शिकार होने वाले के बारे में बहुत स्पष्ट नहीं है राजेंद्र प्रसाद वाले मामले में भी विद्युत उपखंड अधिकारी ने बताया गलतफहमी के कारण विद्युत कर्मी दूसरी लाइन में चले गए जिसका शटडाउन नहीं लिया गया था उसने बताया कि विभाग द्वारा मुक्तेश्वर लाइन का डाउन लिया गया था लेकिन मृतक सुयाल लवाड़ी वाली लाइन में चढ़कर काम करने समय यह हादसा होगया इसमें भी विभागीय लापरवाही है विद्युत कर्मी को समय रहते ही अगर बता दिया जाता की शट डाउन दूसरी वाली लाइन का लिया गया है तो एक विद्युत कर्मी की जान जाने से बचायी जा सकती थी उपखंड अधिकारी मनोज तिवारी का कहना है इस हादसे की जांच के लिए एक कमेटी बैठा जांच कमेटी बना दी गई है जल्दी ही अपनी रिपोर्ट देगी देगी क्या रिपोर्ट के आने के बाद लापरवाही विद्युत कर्मियों और जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्रवाई होगी यह देखने की बात है भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी से काम करना होगा जिससे विद्युत लाइन को ठीक करने के समय विद्युत कर्मियों की मौतों को रोका जा सके पुलिस उप निरीक्षक ने कहा है कि अभी तक परिवार जनों की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है अगर तहरीर मिली तो इस हादसे की जांच और आवश्यक करवाई पुलिस करेगी
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