उत्तराखण्ड
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे जो होटल बस स्टेशन चाय की दुकानों में काम कर रहे बाल श्रमिको को बाल गृह/शेल्टर होम में रखते हुऐ उन्हे शिक्षा एवं भोजन की व्यवस्था की जाय ,
RS gill journalist
रुद्रपुर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार तथा उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य एवं कार्यकारी आय्यक्ष श्री विनोद कपरवाण, सदस्य/जनपद प्रभारी बाल संरक्षण आयोग दीपक गुलाटी एवं श्रीमती सुमन राय की अध्यक्षता एंव मुख्य अतिथि के रूप में विकास भवन के सभागार में आयोजित की गई।
सदस्य/एडीजी राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग राजेन्द्र मलिक के द्वारा बाल तसकरी बाल श्रम पर पी०पी०टी० के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई तथा बच्चों में मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम करने हेतु अलग सैल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया जिसमें अवगत कराया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे एवं जिन बच्चो के माता पिता कार्यलय / दैनिक कार्यों से घर से बाहर रहने पर बच्चों के अन्दर कुप्रवृत्ति विकसित हो रही है। जिसके रोकथाम की आवश्यकता है इसी प्रकार उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग के माननीय सदस्य श्री दीपक गुलाटी द्वारा बताया गया कि बच्चों में बह रही कुप्रवृत्ति बैठक/सेमिनार/प्रचार सामागी वितरण किया जाय तथा नशे से जुड़ी हुई सामाग्री के उस बिन्दु को पकड़ने का प्रयास किया जाय जाहा नशे के सामाग्री की आपूर्ति की जा रही है साथ ही दीपक गुलाटी सदस्य महोदय द्वारा यह भी आशवान दिया गया कि जनपद में बाल गृह खोला जाय जिसमें बाजार एंव चौराहो पर 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे जो होटल बस स्टेशन चाय की दुकानों में काम कर रहे बाल श्रमिको को बाल गृह/शेल्टर होम में रखते हुऐ उन्हे शिक्षा एवं भोजन की व्यवस्था की जाय अगर इस तरह का प्रस्ताव जनपद से प्राप्त होता है तो बाल संरक्षण अयोग इस पर विचार करेगा। इसी प्रकार कार्यकारी अध्यक्ष बाल संरक्षण आयोग उत्तराखण्ड श्री विनोद करपवाण द्वारा बताया गया कि जिन स्थानों पर इस प्रकार के बाल श्रमिक पाए जाते है उसकी पहचान की जाय उनको चिन्हित किया जाय बाल संरक्षण आयोग इसे गम्भीरता से लेते हुऐ इन बच्चो हेतु कार्य कर सकता है। मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा द्वारा राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग को आश्वासन दिया गया कि बाल तस्करी, बाल श्रम, नशा मुक्ति कार्यक्रम एवं पुलिस तथा स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय स्थापित करते हुऐ बच्चो को इससे दूर रखा जाय इस पर जिला प्रोवेशन अधिकारी उधमसिंहनगर को अलग से बैठक कराने के निर्देश दिये गये ताकि बच्चो से सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, श्रमआयुक्त तथा स्वास्थ्य विभाग एव बाल मित्र थानो के माध्यम से समन्यवय स्थापित करते हुऐ बच्चों के सर्वागिण विकास करने हेतु बैठक करने के निर्देश दिये गये। अन्त में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को आश्वस्थ किया गया कि नामांकन के पश्चात विद्यालय न आने वाले बच्चों की जानकारी अभिभावको से ली जायेगी तथा बच्चो की किया कलाप पर भी निगाह रखी जायेगी तथा नशे या अन्य गलत कार्यों में लिप्त बच्चों के अभिभावको के साथ बैठक कर समाधान किया जायेगा तथा प्रत्येक दिन प्रार्थना के समय बच्चों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई जायेगी इसी प्रकार मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुनीता चुफाल रतूड़ी द्वारा आश्वासन दिया गया कि पुलिस विभाग द्वारा नशे से युक्त बच्चों को भेजे जाने पर उनका यथोचित इलाज करते हुऐ नशा मुक्ति में सहयोग किया जायेगा। अन्त में मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग को आश्वस्थय किया गया कि हमारे सभी सहयोगी विभाग माननीय आयोग द्वारा दिये गये आदेशो का पालन किया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विश्राल मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 सुनीता चुफाल रतूड़ी, एसीएमओ डॉ0 हरेन्द्र मलिक, अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार कत्याल, जिला प्रोवेशन अधिकारी उदय प्रताप सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरुद्ध, जिला शिक्षा अधिकारी एके सिंह, अध्यक्ष श्रम अधिकारी बाल कल्याण समिति की प्रेमलता सिंह, सदस्य हरनीत कौर, विवेक तागरा, अजय जोशी एवं सदस्य किशोर न्याय बोर्ड के रजनीश बत्रा, डा अमित कुमार श्रीवास्तव आई०एस०पी० स्वयंसेवी संस्था की अध्यक्ष विन्ध्यवासिनी चाइल्ड हेल्प लाईन की शायरा, प्रशासक वन स्टाप सेन्टर कविता बडोला, महिला कल्याण अधिकारी स्वेता दीक्षित, महिला पुलिस हैल्प लाईन से थानो के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी तथा जिला प्रोवेशन कार्यालय के श्री रजनीश पंत श्री देवेन्द्र सिंह मनराल, श्री अनिल कुमार श्री हरेन्द्र राणा इत्यादि उपस्थित रहे।