उत्तराखण्ड
बांग्लादेश सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए,जिला प्रवक्ता राजेश जोशी,
हल्द्वानी। आज अतिथि रेस्टोरेंट में भारत (सरकार द्वारा निबंधित) राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन रजिं द्वारा बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार और उनके संवैधानिक व अंतराष्ट्रीय अधिकारों के उल्लंघन पर ध्यान आकर्षण किया।
हम हल्द्वानी जनपद के नैनीताल उत्तराखंड की नागरिक गण मानव अधिकार मंच के अंतर्गत बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार और मानवाधिकार हनन की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए यह ज्ञापन प्रस्तुत करते हैं बांग्लादेश में हिंदू और बौद्ध और इसी अल्पसंख्यक धार्मिक कट्टरपंथियों के अत्याचारों का लगातार शिकार हो रहे हैं धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं जहां 59% हिंसा धार्मिक स्थलों को निशाना बनाती है और 69 मंदिरों वह अन्य पूजा स्थलों पर अनुष्ठानों के दौरान हमले किए गए हैं कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक महिलाओं के खिलाफ जबरन धनवंतरण अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित जीवन से वंचित किया जा रहा है साथ ही सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को का व्यवस्थित विनाश जारी है यह स्थिति बांग्लादेश के संविधान के अनुच्छेद 27 28 31 41 और 42 का उल्लंघन है जो कानून के समक्ष समानता धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति के अधिकार की गारंटी देता है इसके अलावा यह अंतरराष्ट्रीय कानूनी जैसे सार्वभौमिक मानवाधिकार UDHR 1948 और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकार संधिICCPR,1966 का भी गंभीर हनन है हम चाहते हैं कि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाए
भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के माध्यम से यह सुनिश्चित करें कि बांग्लादेश सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाऐ
संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वतंत्र जांच आयोग का गठन
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषदUNHRC और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा एक स्वतंत्र जांच आयोग गठित किया जाए जो बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रही अत्याचारों की निष्पक्ष और विस्तृत जांच करें।
अपराधियों पर कठोर कार्रवाई
बांग्लादेश सरकार पर यह सुनिश्चित करें की धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव में शामिल कट्टरपंथियों को न्याय के दायरे में ले जाए और उन्हें कठोर सजा दी जाए।
पुनर्वास औरमुआवजा
हिंसा और उत्पीड़न से प्रभावित अल्पसंख्यक समुदायों के पुनर्वास के लिए बांग्लादेश सरकार विशेष योजनाएं बनाई और उनके आर्थिक सामाजिक व सांस्कृतिक नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा प्रदानकरें।
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ पेट्रोल पंथ्यों द्वारा जबरन धर्मांतरण अपराह्न और हिंसा को रोकने के लिए बांग्लादेश सरकार प्रवाही कदम उठाए महिला और बाल दमन निवारण अधिनियम 2000 अन्य प्रशासन की कानों का कठोरता से पालन सुनिश्चित किया जाए
हम आपसे निवेदन करते हैं कि आप इन मुद्दों पर विचार करें और बांग्लादेश में सभी धार्मिक अल्पसंख्यक क्यों हिंदू बौद्ध ईसाई और अन्य समुदाय के अधिकारों का सम्मान की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।
कार्यक्रम की राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्षता श्रुति गोलवलकर, राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन जिला प्रवक्ता राजेश जोशी, विवेक कश्यप, अध्यक्ष वरिष्ठ जन कल्याण भुवन भास्कर, पूर्व सैनिक मेज़र बी,एस, रौतेला, पूर्व अर्धसैनिक बल दरबान सिंह बौरा, क्षैत्रिय संरक्षक भारत विकास परिषद भगवान सहाय, पंजाब जन कल्याण समिति,प्रदीप कक्कड़,समाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह बिष्ट, प्रताप बिष्ट, चंदन बिष्ट, सशक्त एकता उधोग व्यापार मंडल प्रदेश महामंत्री भुवन भट्ट, समाजिक कार्यकर्ता चंदन बिष्ट, प्रदीप लोहनी, उमेश साह,डा नवीन शर्मा, आदि लोग शामिल हुए।