उत्तराखण्ड
पूर्व सैनिकों को उनके कानूनी अधिकारों व हकों की जानकारी हेतु उत्तराखण्ड के जनपद देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा में जागरूकता कैम्प आयोजित किये जाएं राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि)
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) से मंगलवार को राजभवन में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्य जस्टिस उमेश चन्द्र श्रीवास्तव व प्रशासनिक सदस्य वाइस एडमिरल अभय रघुनाथ कारवे (पीवीएसएम, एवीएसएम) ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को न्यायाधिकरण के क्रियाकलापों इत्यादि की जानकारी दी। उन्होने अवगत कराया कि न्यायाधिकरण द्वारा लम्बित 6 हजार केसों का निपटारा किया गया है। वर्तमान में लम्बित केसों की संख्या घटकर 1400 रह गयी है जिस पर राज्यपाल ने न्यायाधिकरण की प्रशंसा की।
राज्यपाल ने सदस्यों से कहा कि उत्तराखण्ड एक सैनिक बहुल प्रदेश है। यहां पर लगभग प्रत्येक घर से एक सैनिक है। सेवानिवृत्ति के उपरांत दूरस्थ क्षेत्रों के पूर्व सैनिक अपनी पेंशन व दावों सहित कई अन्य लाभ कानूनी जानकारी के अभाव में नहीं उठा पाते। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों को उनके कानूनी अधिकारों व हकों की जानकारी हेतु उत्तराखण्ड के जनपद देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा में जागरूकता कैम्प आयोजित किये जाएं जिससे पूर्व सैनिकों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जागरूकता कैम्प आयोजित किये जाने के लिए शासन के उच्चाधिकारियों से वार्ता की जायेगी।
इस दौरान सदस्यों द्वारा नैनीताल स्थित सर्किट बैंच हेतु स्थान एवं भवन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जिस पर राज्यपाल ने उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर न्यायाधिकरण के रजिस्ट्रार डॉ. दुष्यंत दत्त भी उपस्थित रहे।
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