उत्तराखण्ड
पर्वतीय उत्थान मंच के सदस्यों को मिला न्याय,
हलद्वानी
पर्वतीय उत्थान मंच के सदस्यों को मिला न्याय,
भारतीय न्याय प्रणाली में न्यायिक प्रक्रिया में देरी हो सकती है परंतु न्याय बाधित नही हो सकता है, पर्वती सांस्कृतिक उत्थान मंच के सदस्यों को 20 साल बाद आखिर न्याय मिल ही गया वादी रमेश चंद्र पांडे अधिवक्ता द्वारा 4 ,8 ,2002 को पर्वती संस्थान मंच के सदस्य बलवंत सिंह चुफाल व अन्य छह लोगों पर चोरी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया था 10 साल चली न्याय प्रक्रिया के अंतर्गत के 3,12,2012 को निचली अदालत द्वारा बलवंत सिंह चुफाल एवम पत्रकार भुवन चंद्र जोशी हेमंत बगड़वाल ,भुवन चंद्र जोशी,को 3 वर्ष का कारावास का दे दिया गया था जिसमे बलवंत सिंह चुफाल द्वारा इस डंडा देश के विरोध में अपर सत्र न्यायाधीश के यहां अपील दायर की गई 10 साल तक चले इस मुक़दमे का निर्णय आखिर 12,10,2022 को विद्वान न्यायाधीश श्री कवर अमनिंदर द्वारा वाद को सुनाते हुए सभी अभियुक्तों को दोषमुक्त करार दे दिया विद्वान न्यायाधीश ने वादी द्वारा प्रस्तुत किए हुए गए सभी साक्ष्य व गवाहों के बयानों का अवलोकन करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष अभियुक्त गणों के विरुद्ध अपने केस को संदेह से परे साबित नही कर पाया है और इस मामले में अनेक बिंदुओं पर संदेह उत्पन करते हुए,इसका लाभ अभियुक्त गणों को प्रदान किया विद्वान न्यायाधीश कवर। अमनिंदर सिंह ,ने अपने निर्णय में कहा कि 3,12,2012 को विद्वान अवर न्यायालय द्वारा जो निर्णय पारित किया है उसमें साक्ष्य का विस्तृत विश्लेषण नहीं किया गया है और ना ही दंड विधि के संबंध में स्थापित सिद्धांतों को ध्यान में रखा है अभियुक्त गण बलवंत सिंह चुफाल पत्रकार भुवन चंद जोशी, हेमंत बगड़वाल भुवन चंद जोशी को दोषमुक्त किया जाता है पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के सदस्यों ने न्याय के देव गोलू देवता का भी आभार व्यक्त करते हुए, कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता,