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उत्तराखण्ड

जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह रावत  ने जिला शिक्षाधिकारी (बेसिक) को पत्र लिखा की संयुक्त ज्येष्ठता प्र०अ० प्राथमिक सo अo उच्ब प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों की सूची पोषक संवर्ग /स्रोत संवर्ग के आधार पर की जाए,

कुलदीप सिंह ललकार देहरादून

देहरादून में पदोन्नति प्रधानाध्यापक जूनियर हाई स्कूल हेतु जनपद स्तर पर आपके कार्यालय के पत्रांक संख्या प्र०राज०बे०-2/5414-19/ज्ये0/ 2024-25 / दिनांक 18 अक्टूबर 2024 के द्वारा प्रा0अ0, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति हेत् अनन्तिम संयुक्त ज्येष्ठता जारी की है। जिसमें प्राथमिक के प्रधानाध्यापक और जूनियर के सहायक अध्यापक की स्रोत संवर्ग को आधार प्रचलित शिक्षक नियमावली 2012 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन होता प्रतीत हो रहा है जबकि प्रचलित शिक्षक नियमावली 2012 के अंतर्गत स्रोत /मौलिक नियुक्ति को आधार मान कर, संयुक्त वरिष्ठता तय होनी है । जबकि उक्त पर्दों पर उत्तराखण्ड राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 2012 एंव समय समय पर जारी संशोधन में उल्लेखित नियम के विपरित वरिष्ठता की अनदेखी कर पदोन्नति प्रक्रिया मात्र कुछ उच्च प्राथमिक में नियुक्त सीधी भर्ती वाले अध्यापकों को लाभ हेतु प्रारम्भ की जा रही है। पूर्व में भी इस हेतु 01 अगस्त 2023 को निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा श्री राम कृष्ण उनियाल जी की अध्यक्षता में, दोनो संगठनों एवं तत्कालीन जिला शिक्षाधिकारी (बेसिक) सयुक्त निदेशक उप निदेशक की उपस्थिति में बैठक की जा चुकी है जिसमें उक्त पदों पर पदोन्नति हेतु उत्तराखण्ड राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा(अध्यापक) सेवा नियमावली 2012 में उल्लेखित नियम का पालन किया जाना सुनिश्चित हुआ था, जिसके बिंदु संख्या 18 के भाग संख्या 6 के क्रम संख्या 1 में स्पष्ट उल्लेखित है कि जनपद संवर्ग हेतु संयुक्त वरिष्ठता के निर्धारण के लिए स्रोत संवर्ग में मौलिक नियुक्ति से सेवा की गणना की जाएगी साथ ही क्रम संख्या 2 में वर्णित है कि संयुक्त ज्येष्ठता प्र०अ० प्राथमिक सo अo उच्ब प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों की सूची पोषक संवर्ग /स्रोत संवर्ग के आधार पर की जाए। उत्तराखण्ड राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 2012 एंव समय समय पर जारी संशोधन में उल्लेखित नियमों का पूर्णतया पालन करते हुए संयुक्त वरिष्ठता सूची जारी करने का कष्ट करें। अन्यथा प्राथमिक शिक्षक संघ को आंदोलित होने के साथ साथ माननीय न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा जिसका संपूर्ण उत्तरदायित्व आपका होगा।

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