Connect with us

Uncategorized

बाल संरक्षण गृह की बच्चियों के यौन शोषण के अपराधी वीआईपी को जेल भेजा जाय

हल्द्वानी

  • बाल और महिला संरक्षण के नाम पर चल रही संस्थाओं की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में कराई जाय

हल्द्वानी में एक के बाद एक बच्चों के संरक्षण का दावा करने वाले संगठनों के संरक्षण गृहों में बच्चियों के साथ यौन दुराचार की लगातार घटनाएं सामने आना बेहद शर्मनाक और चिंतनीय है। इस तरह घटनाओं की पुनरावृत्ति ने पुलिस प्रशासन के संरक्षण गृहों में बच्चों की सुरक्षा करने के दावों की भी पोल खोल दी है। भाकपा माले के नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह बात कही। उन्होंने कहा कि, नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड (नैब) संस्था हल्द्वानी के संचालक द्वारा दृष्टि बाधित बच्चियों के यौन शोषण की घटनाओं के खुलासे को अभी छह महीने भी नहीं बीते हैं कि हल्द्वानी में बाल संप्रेक्षण गृह में दुराचार की घटना सामने आ गई है। पहली घटना में बच्चों की सुरक्षा के नाम पर बाल संरक्षण गृह चलाने वाला एनजीओ का संचालक खुद बच्चियों का यौन शोषण कर रहा था वह गिरफ्तार हो चुका है लेकिन अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं। और अब सरकारी बाल संरक्षण गृह की दो महिला कर्मचारियों पर इस बात के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है कि वे संरक्षण गृह में रह रही एक नाबालिग बच्ची को किसी वीआईपी के पास ले जाती थीं, जो नाबालिग बच्ची को अपनी यौन कुंठाओं का शिकार बनाता था। लेकिन यह सामने नहीं आया है कि बाल संरक्षण गृह की नाबालिग बच्ची का यौन उत्पीड़न करने वाला वीआईपी कौन है। इसका तत्काल खुलासा कर ऐसे अपराधी वीआईपी को जेल भेजा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि, अंकिता भण्डारी हत्याकांड के लिए जिम्मेदार वीआईपी के नाम का खुलासा राजनीतिक संरक्षण के चलते अभी तक नहीं हुआ है और अब हल्द्वानी के वीआईपी के लिए बाल संरक्षण गृह की बच्ची को भेजा जाना ये सवाल खड़ा कर रहा है कि उत्तराखण्ड में बच्चियों से अपनी यौन कुंठाओं की पूर्ति करने वाले वीआईपी कल्चर को किसका राजनीतिक वरदहस्त हासिल है। बिना राजनीतिक संरक्षण के किसी वीआईपी के हौसले इतने बुलंद नहीं हो सकते हैं यह अंकिता भण्डारी प्रकरण से साफ तौर पर सामने आ चुका है।

भाकपा माले सरकार से इस प्रकरण के पूर्ण खुलासे की मांग करती है और वीआईपी को बचाने की किसी भी कोशिश के विरूद्ध चेतावनी देती कि यदि ऐसा हुआ तो पार्टी आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगी। साथ ही भाकपा माले की मांग है कि बाल संरक्षण गृहों में लगातार सामने आ रहे यौन शोषण के मामलों का राज्य के मुख्यमंत्री को संज्ञान लेते हुए हल्द्वानी समेत पूरे राज्य में बाल और महिला संरक्षण के नाम पर चल रही संस्थाओं और संरक्षण गृहों, महिला संरक्षण गृहों, नारी निकेतनों की जांच, अपराधियों को मिल रहे राजनीतिक संरक्षण का खुलासा, विभिन्न सरकारी विभागों की संलिप्तता की जांच हाई कोर्ट नैनीताल की निगरानी में कराई जाय और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार बनाया जाय। डा कैलाश पाण्डेय, जिला सचिव, भाकपा (माले) नैनीताल

Ad Ad Ad Ad Ad
[masterslider id="1"]
Continue Reading
You may also like...

More in Uncategorized

Trending News

Follow Facebook Page