उत्तराखण्ड
आज पहाड़ों पर नोलों। का पानी भी सूख चुका है
कमल राजपाल की रिपोर्ट
पहाड़ी क्षेत्रों में इन श्रोतों की एक अलग ही पहचान हुआ करती थी आज ये सिर्फ शो पीस बन चुके हैं
प्राकृतिक जल। (नोलो )(श्रोतो )का पानी जोकि आम आदमी को राहत देता था पर जो जो प्रकृति से खिलवाड़ किया जा रहा है एवम पहाड़ों में कंक्रीट के महल बन चुके हैं तथा पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण पर भी असर हुआ आज करीब करीब सभी प्राकृतिक श्रोत बंद हो चुके हैं जो पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते हुए प्रदूषण का भी इन श्रोतों पर असर पड़ता दिखाई दे रहा है भीमताल का ये श्रोत जो अक्सर देखा जाता हैं कि इस जल को भर कर ले जाया करते थे आज ये सुख चुका हैं।