कुमाऊँ
मुस्लिम समाज के लोगों ने ईद उल अजहा की नमाज अदा कर देश में अमन और शांति के साथ भाईचारे की दुआ मांगी,
कमल राजपाल
हल्द्वानी। ईद उल अज़हा का त्योहार मुसलमान समाज धूमधाम से मना रहे हैं। महानगर की मस्जिदों में आज सुबह 7:00 बजे से ईद उल अजहा की नमाज अदा की गयी। ईदगाह में ईद की नमाज़ सुबह पौने नौ बजे अदा की गई। भारी संख्या में मस्जिदों में पहुंचकर मुस्लिम समाज के लोगों ने ईद उल अजहा की नमाज अदा कर देश में अमन और शांति के साथ भाईचारे की दुआ मांगी। नमाज के बाद एक दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई दी। नमाज़ अदा करने के बाद कुर्बानी दी गई। इस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से सुरक्षा और सुविधा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहीं मुस्लिम आबादी वाले इलाकों आज़ाद नगर, इंदिरानगर, नई बस्ती में आज काफी रौनक देखने को मिल रही है। खासकर लाइन नम्बर 17 में तो मेला ही लगा है।
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल के अंतिम महीने यानी 12वें महीने में ईद उल अजहा का त्यौहार मनाया जाता है। ईद उल फितर के 70 दिन बाद पड़ने वाले इस त्यौहार को कुर्बानी के लिए भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हजरत इब्राहिम को ख्वाब में अल्लाह का हुकुम आया कि अपने बेटे को कुर्बान कर दें। अल्लाह के हुक्म की तामील करते हुए हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे को कुर्बान करने की ठानी। कहा जाता है कि कुर्बानी देते वक्त छुरी के नीचे एक मेमना आ गया और हजरत की कुर्बानी पूरी हुई। इस तरह अल्लाह ने इब्राहिम की कुर्बानी को कुबूल कर लिया। तभी से इस त्यौहार को मनाने की परंपरा शुरू हो गई। त्यौहार के 1 माह पहले से ही बाजारों में रौनक बढ़ जाती है। लोग मुंह मांगी कीमत पर बकरों को खरीद कर अपने घर ले जाते हैं और उन्हें कोई ना कोई नाम देते हैं। बड़े लाड प्यार से अपनी संतान की तरह पालते हैं और ईद उल अजहा वाले दिन अल्लाह के हुक्म की तामील करते हुए उसकी कुर्बानी दे दी जाती है।