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उत्तराखण्ड

आम्रपाली विश्वविद्यालय स्थापना का मुख्य मकसद ही शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता और उत्कृष्ठता को बढ़ावा देना है कुलपति एन.एस बिष्ट,

हल्द्वानी, आम्रपाली विश्वविद्यालय स्थापना का मुख्य मकसद ही शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता और उत्कृष्ठता को बढ़ावा देना है उक्त बात विश्वविद्यालय के कुलपति एन.एस बिष्ट ने आज यहां आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने छात्रों को आज की बदलती हुयी दुनिया के हिसाब से वह सर्वोच्च शिक्षा प्रदान करना चाहता है जहां वे बदलती दुनियां के अनुरूप अपना उत्कृष्ठ प्रदर्शन कर सके। उन्होंने कहा कि इसी के चलते विश्वविद्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में 16 नामी निरामी कम्पनियों/संगठनों के साथ एमओयू करार किया है। जो छात्रों को बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप ज्ञान व कौशल में निपुणता प्रदान करने के साथ ही उन्हें उद्योग की मांग के अनुरूप दक्ष भी बनायेगा। कुलपति ने कहा कि छात्र हित में उच्च कोटी की शिक्षा प्रदान करने के लिये अद्वितीय पाठयक्रम विकास, उद्योग अतिथि व्याख्यान, इंटरशिप और छात्रों के लिये प्लेसमेंट अवसर बढ़ाने के लिये विश्व विद्यालय दृढ़ संकल्पित है। इसी के मददेनजर रेड हैड अकादमी, आई.सी टी अकादमी, ई.टी.एस इंड़िया, कपटीया, टी.एच.एस.सी, मैरियम होटल्स, रेड फोक्स होटल्स, आई टी सी ग्रैंड चोला,पार्क
हयात हैदराबाद, कोनार्ड होटल पुणे के साथ यू ओ यू के तहत करार किया गया है। वही विश्वविद्यालय के सी ई. ओ संजय ढींगरा ने कहा कि प्लेसमेंट को लेकर भी विश्वविद्यालय गम्भीर है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्लेसमेंट में लगभग 50 से अधिक कम्पनिया शामिल रही जिसके परिणाम स्वरूप विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों को 800 से अधिक कम्पनियों के ऑफर मिले जिस में 35 प्रतिशत हॉस्पिटेलिटी सैक्टर, 30 प्रतिशत आई.टी व टैक्नॉलाजी तथा 35 प्रतिशत मैनेजमेंट कॉमर्स फार्म आदि के थे। प्लेंसमेंट कम्पनियों में एक्सेंचर, विप्रों, बीबो, एसबीआई, पेमैंटस जेनसेन, निकालसन, इंड़िया मार्ट, सिस्कॉम, इटेलिपर सॉफ्टवेयर आदि शामिल थी। वही विश्वविद्यालय के सचिव नरेन्द्र ढींगरा ने कहा कि विश्वविद्यालय में समावेशिता और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के उदद्ेशय से छात्रवृत्ति योजना लागू की गयी है। जिसका मकसद योग्य छात्रों को वित्तिय सहायता प्रदान करना है ताकि वे बिना विर्त्तीय बाधाओं के अपनी शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि इस पूरी कार्य योजना के लिए एक पारदर्शी चयन प्रक्रिया स्थापित की गयी है। श्री ढ़ींगरा के अनुसार छात्रवृत्ति के तहत चयनित छात्रों को 20 हजार से एक लाख रूपये तक की वार्षिक सहायता मिल सकेगी। अंत में ट्रेजर्रा बिंदु चावला ने विश्वविद्यालय के भावीं कार्यक्रमों जिसमें नये शुरू होने वाले कोर्सों, विवि की भावी योजनाओं जिस में राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी ), कॉरपोरेट जगत और अनुसंधान केन्द्रों के साथ सहभागिता जैसे विषयों पर अपनी बात रखी।

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