उत्तराखण्ड
सीडीओ की आकस्मिक छापामारी कार्यवाही से विकास खण्ड कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हडकम्प मच गया
काशीपुर – मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने विकास खण्ड कार्यालय काशीपुर में आकस्मिक छापामारी कार्यवाही की। सीडीओ की आकस्मिक छापामारी कार्यवाही से विकास खण्ड कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हडकम्प मच गया ।
निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने सर्वप्रथम विकास खण्ड परिसर में नवनिर्मित कार्यालय भवन का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान निर्माणाधीन भवन की रिटर्निग वॉल में दरार पाये जाने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए आर०ई०एस० के ए०ई० मदन मोहन व जे०ई० चन्द्र किशोर गौड़ को मौके पर बुलाने पर दोनों कार्यालय में उपस्थित नहीं पाये गये। इस पर सीडीओ ने दोनों का स्पष्टीकरण प्राप्त करने तथा दरार को ठीक कराकर अवगत कराने के निर्देश दियेे देते हुए कहा कि दरार आने के कारणों की जांच कराते हुए रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता से कोई भी समझौता पाये जाने की स्थिति में सम्बन्धितों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। विकास खण्ड कार्यालय में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) के कक्ष में एवं कार्यालय परिसर में व्याप्त गंदगी देखकर सीडीओ ने बीडीओ काशीपुर को कड़ी फटकार लगायी तथा कठोर निर्देश दिये कि तत्काल सफाई कराना सुनिश्चित करें। इसके उपरान्त कार्यालय के कर्मचारियों की उपस्थिति की जाँच की गयी। विकास खण्ड कार्यालय के निरीक्षण के उपरान्त सीडीओ ने विकास खण्ड काशीपुर की ग्रामः पंचायत बरखेडा में मनरेगा योजनान्तर्गत अमृत सरोवर योजना के तहत निर्माणाधीन तालाब का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बीडीओ काशीपुर को निर्देश दिये गये कि उक्त निर्माणाधीन तालाब की गुणवत्ता का नियमानुसार विशेष ध्यान रखते हुए 15 अगस्त 2022 तक पूर्ण कराना सुनिश्चित करें तथा निर्मित तालाब के किनारे फलदार वृक्षों का रोपण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये गये कि अमृत सरोवर योजनान्तर्गत प्राप्त निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत तालाब निर्धारित समयान्तर्गत निर्मित कराना सुनिश्चित करें तथा निर्मित हो रहे तालाबों की गुणवत्ता में विशेष ध्यान दिया जाय। तालाबों का निर्माण कार्य यथाशीघ्र प्रारम्भ कराते हुए वर्षा ऋतु प्रारम्भ होने से पूर्व पूर्ण करायें तांकि निर्मित तालाबों में जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन हो सके। यह भी निर्देश दिये गये कि पूर्ण रूप से निर्मित तालाब स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों को नियमानुसार हस्तान्तरित कर विभिन्न समूहों की आजीविका सम्बर्द्धन का कार्य कराया जाय तथा समूहों की महिलाओं को समय-समय पर सम्बन्धित विभागों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान कराया जाय । यह भी निर्देश दिये गये अमृत सरोवर योजनान्तर्गत निर्मित तालाबों का नियमानुसार उपयोग सुनिश्चित कराया जाय किसी भी तालाब को व्यक्ति विशेष के स्वामित्व में न दिया जाये।
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