उत्तराखण्ड
उत्तर प्रदेश में आशाओं पर हुए बर्बर लाठीचार्ज से खफा आशाओं का हल्द्वानी में प्रदर्शन
• उत्तर प्रदेश में आशाओं पर हुए बर्बर लाठीचार्ज से खफा आशाओं का हल्द्वानी में प्रदर्शन
• उत्तर प्रदेश की आशाओं से एकजुटता जाहिर करते हुए दोषियों को दंडित करने की मांग
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ताओं के साथ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की पुलिस ने जिस क्रूरता के साथ मारपीट की व उनके साथ अमानवीय व्यवहार करते हुये माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के विपरीत व विधि विरुद्ध ढंग से पुरूष पुलिस कर्मियों ने बूट से प्रहार किया, शारीरिक रूप से प्रताडित किया, उनके हाथ तोड़ दिये व एक आशा कर्मी की गला घोंट कर हत्या करने की सार्वजनिक रूप से कोशिश की , जबकि वे शांति पूर्ण ढंग से प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय जो उसी शहर में मौजूद थे, उन तक अपना मांग पत्र पहुँचाने के लिए निवेदन कर रही थी। योगी सरकार की आशाओं पर की गई इस बर्बरता के विरुद्ध आज़ 17 नवंबर 2021 को आल इन्डिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन सम्बद्ध ऐक्टू के अखिल भारतीय प्रतिरोध दिवस के आह्वान पर उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन द्वारा भी पूरे उत्तराखण्ड में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। हल्द्वानी के महिला अस्पताल में भी आशाओं ने एकत्र होकर उत्तर प्रदेश की आशाओं के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में मौजूद यूनियन के प्रदेश महामंत्री डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “कड़ी मेहनत के साथ स्वास्थ्य विभाग का काम कर रही आशाओं को वेतन देने के स्थान पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की पुलिस द्वारा किया गया लाठीचार्ज और उसके बाद आशाओं पर ही मुकदमा दर्ज कर देना बेहद शर्मनाक है। उत्तर प्रदेश में आशाओं का दमन बंद किया जाय, दोषी पुलिस अधिकारियों को दंडित किया जाय, आशाओं पर लादे गए मुकदमे वापस लिए जांय और आशाओं की मांगों को माना जाय।”
प्रदर्शन के बाद उपजिलाधिकारी हल्द्वानी कार्यालय के माध्यम से उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को भेजे गए पांच सूत्रीय ज्ञापन में मांग की गई कि-
1.शाहजहांपुर में आशा वर्कर्स के साथ 9/11/2021 को पुलिस द्वारा किये गये बर्बर कृत्य की न्यायिक जांच करायी जाय !
- पुरूष पुलिस कर्मियों द्वारा महिला आशा कर्मियों के साथ मारपीट, एक आशा पूनम पांडेय द्वारा दुर्व्यवहार का विरोध करने पर गला कस कर हत्या की कोशिश की गई और उसी प्रयास में उनका हाथ तोड़ डाला गया तथा बुरी तरह से पीटा जिससे उसे आँख सहित अन्य शरीर के हिस्सो में गंभीर चोट आयी। इस दुष्कृत्य को करने वाले पुलिस अधिकारी व सहयोगी पुलिस कर्मियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध दन्डात्मक कार्यवाही के साथ-साथ हत्या के प्रयास सहित मेडिकल के आधार पर अन्य सक्षम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाय!
- कानून और माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के विपरीत पुरूष पुलिस कर्मियों द्वारा महिला आशाओं के साथ की गई सारी क्रूरतम कार्यवाही के ज़िम्मेदार पुलिस उच्चाधिकारियों को भी ज़ांच करके दन्डित किया जाय।
- सभी आशा कर्मियों पर लगाये गये फर्जी मुकदमे तत्काल वापस लिए जायें!
- आशाओं की न्यायोचित माँगों को पूरा किया जाय।
आज के प्रदर्शन में डॉ कैलाश पाण्डेय, रिंकी जोशी, माया टंडन, रेशमा, मीनू, मुन्नी रौतेला, चम्पा मेहरा, हुमैरा, गंगा साहू, आनंदी, पूनम, बबीता, पुष्पा, प्रियंका सक्सेना, हेमा सम्मल, उर्मिला तिवारी, राबिया, मुन्नी दुर्गापाल, सरिता साहू, राजकुमारी, रमा भट्ट, कमलेश बोरा, मोहिनी देवी, सावित्री भंडारी आदि मौजूद रहे।