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उत्तराखण्ड

लखीमपुर खीरी में जानबूझकर षड्यंत्र रच कर की गई किसानों की हत्या पर ,सरकार का पुतला फूंक कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

जानबूझकर षड्यंत्र रच कर की गई किसानों की हत्या पर ,सरकार का पुतला फूंक कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन।

सितारगंज, क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने तानाशाह सरकार के विरोध मे पुतला फूंक प्रदर्शन किया।बताते चलें कि 3 अक्टूबर को शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों को सत्ताधारी नेता ने पहले से रची गई साजिश से अपना वाहन चढ़ाकर मौत के घाट उतार कर लखीमपुर खीरी क्षेत्र में शहीद कर दिया।
अन्नदाता किसान 10 महीनों से लगातार आंदोलन कर अपनी जमीन व कृषि को क्षति से बचाने के लिए msp पर कानूनी बनाने हेतु व कृषि विरोधी कानून को वापस लेने के लिए माँगो को माँग रहे थे।लेकिन इतने बड़े अंतराल में मोदी सरकार के कानों पर जूँ नही रेंगी।उल्टे किसानों का आंदोलन समाप्त करने के लिए के शासन, प्रशासन तरह तरह के षड्यंत्र रचने पर भी आंदोलन नहीं रुक सका।बल्कि किसानों का आंदोलन और ज्यादा तेज रफ्तार से बहुत बड़ी संख्या में देखकर सरकार होश उड़ रहे हैं। लोकतंत्र में षड्यंत्र रचकर किसी भी नागरिक की हत्याएं करना अक्षम्य दंडनीय अपराध है।वर्तमान तानाशाही सरकार अपनी जनता व किसानों की लोकतंत्र में आवाज दवाना चाह रही है।लेकिन आजकल पढे लिखे जमाने में सरकार नादानी जैसी घटनाओं से बहुत बडा जुल्मोसितम कर किसानों व जनता का जीवन को मरोड़कर भूखा मार देना चाहतीं हैं।
वर्तमान सरकार ने हर प्रकार गलत शब्दों को किसानों के लिए बरता ।कीलें ठोकी गई।तार बाढ को लगाया गया, पानी की बौछारें छोडी गई कई बार पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किया गया।कई सौ किसानों की हत्या कर शहीद किया गया।सैकड़ों घायल हुए।किसानों की हिम्मत के सामने सारे सरकार द्वारा साजिश नाकाम हो रही हैं ।इसलिए अब आंदोलन की रफ्तार और ज्यादा तेज देखकर पहले से सत्तारूढ़ दल के नेता के बेटे ने अपने वाहन को जानबूझकर चढ़ाकर कई किसानों को कुचल कर शहीद कर दिया।
सरकार को यह पता है कि अन्नदाता कभी भी आंदोलन को नहीं रोक सकते ।लखीमपुर खीरी मे 3 अक्टूबर को किसानों की निर्मम हुई हत्या से किसानों ने पुतला फूंक कर हत्याआरोपियों पर धारा 302 का मुकदमा दायर कर सख्ती से कार्रवाई कर दंड देने की माँग व एक एक करोड़ रुपये परिवार को दिलाने के लिए sdm द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा।व अपनी माँगो पर दृढ़ रहकर आंदोलन और ज्यादा तेज करने को कहा।

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