उत्तराखण्ड
मोदी के आत्मनिर्भर भारत का मतलब अडानी पर निर्भर सरकार है: दीपंकर भट्टाचार्य
नैनीताल
- जनता को थोड़ा राशन देने के नाम पर देश का पूरा संसाधन अडानी के नाम पर किया जा रहा है : माले महासचिव
- माले की दो दिवसीय उत्तराखण्ड राज्य कमेटी बैठक नैनीताल में सम्पन्न
भाकपा माले उत्तराखण्ड राज्य कमेटी कमेटी की दो दिवसीय विस्तारित बैठक 11 अप्रैल की देर रात को नैनीताल में संपन्न हो गई। बैठक में पार्टी के महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य और माले पोलित ब्यूरो की ओर से राज्य प्रभारी कॉमरेड संजय शर्मा भी मौजूद रहे।
राज्य कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए माले महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य कहा कि, “मोदी बार बार आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे हैं, लेकिन मोदी के आत्मनिर्भर भारत का मतलब अडानी पर निर्भर सरकार है। अडानी को बचाने के लिए इस सरकार ने अपने आप को नतमस्तक कर दिया है। और जिस जनता को अच्छे दिन लाने का वायदा किया गया था उस जनता को राहत देने के नाम पर राशन देने का बड़ा दावा मोदी सरकार कर रही है लेकिन हकीकत यह है कि थोड़ा राशन देने के नाम पर देश का पूरा संसाधन अडानी के नाम पर किया जा रहा है। और जनता के बीच में विभाजन को तेज़ किया जा रहा है।”
माले महासचिव ने कहा कि, “बिहारशरीफ को सांप्रदायिक उन्माद-उत्पात के लिए बेहद सोच समझकर चुना गया। 100 साल पुराने ऐतिहासिक मदरसे को जला कर राख कर दिया गया। यह एक पहचान गिराने की कोशिश है। और अगले ही दिन गृह मंत्री अमित शाह ने नवादा रैली में शांति की अपील करने की बजाए सांप्रदायिक उन्माद की घटनाओं को वोट की राजनीति से जोड़ दिया। पूरे देश को जनसंहार पर आधारित गुजरात माॅडल में तब्दील करने की कोशिश भाजपा कर रही है लेकिन आज देश को बिहार माॅडल की जरूरत है। यह माॅडल देश को गुजरात होने से बचाएगा।”
कामरेड दीपंकर ने कहा कि, “आज़ादी की लड़ाई ब्रिटिश साम्राज्यवादी कंपनी राज के खिलाफ केंद्रित थी आज के नए फासीवादी कॉरपोरेट कंपनी राज के विरुद्ध दूसरी आज़ादी की लड़ाई की जरूरत है। इसलिए अंग्रेजों के खिलाफ चली आज़ादी की लड़ाई के प्रतीक, उसके विचार, उसके नायक, उनकी विरासत और बलिदान इस दूसरी आज़ादी की लड़ाई और लोकतंत्र के लिए सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत हैं।”
उन्होंने कहा कि, ‘राज्य की सरकार भी केंद्र के नक़्शेकदम पर चलते हुए जनता के विरुद्ध लगातार नीतियां बनाने और भ्रष्टाचार में लिप्त है। जोशीमठ आपदा हो, अंकिता मामला हो या यूकेट्रिपलएससी, उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी और विधानसभा भर्ती घोटाला, या उत्तराखंड में दलित उत्पीडन की बढ़ती घटनाएं सभी जगह इस सरकार की घोर जनविरोधी कार्यशैली स्पष्ट रूप से सामने आ गई है।”
भाकपा माले पोलित ब्यूरो की ओर से उत्तराखण्ड राज्य प्रभारी डा. संजय शर्मा ने कहा कि, “उत्तराखण्ड हमेशा से जन आंदोलनों का केन्द्र रहा है। राज्य भी लंबे जनसंघर्ष के बाद बना, लेकिन राज्य बनने के बाद राजनीतिक सरंक्षण में हुई संसाधनों की खुली लूट ने जनता की उम्मीदों को ध्वस्त करने का काम किया है। इसके विरुद्ध बड़े जनसंघर्ष की जरूरत है और यह काम बिना मजबूत क्रांतिकारी कम्युनिस्ट पार्टी के संभव नहीं है। इसलिए पार्टी को चौतरफा मजबूत करने का काम यहां के साथियों को प्राथमिकता से करना होगा।”
राज्य कमेटी बैठक में छात्र, युवा, महिला, मजदूर, किसान मोर्चों पर जिम्मेदारियों का नए सिरे से बंटवारा किया गया। पार्टी के चौतरफा विस्तार के लिए चार माह का अभियान चलाने की घोषणा की गई। इस सघन “पार्टी का विस्तार करो अभियान” के बाद पार्टी का उत्तराखण्ड राज्य सम्मेलन किया जायेगा।
माले की उत्तराखण्ड राज्य कमेटी की इस दो दिवसीय बैठक में राज्य में चल रहे आंदोलनों विशेष रूप से जोशीमठ की जनता के संघर्ष, बेरोजगार युवाओं के भर्ती घोटालों की जांच की मांग पर चल रहा संघर्ष, पुरानी पेंशन को लेकर चल रही लड़ाई, आशा समेत सभी स्कीम वर्कर्स की मांगों, जायडस यूनियन समेत सिडकुल में मालिकों की मनमानी के खिलाफ़ चल रहे आंदोलनों, बिंदुखत्ता व अन्य खत्तावासियों, गुर्जरों के बुनियादी अधिकारों का सवाल, कुलसारी में स्टोन क्रशर के खिलाफ जनता के आंदोलन जैसे जनपक्षीय आंदोलनो पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
राज्य कमेटी बैठक में माले राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, ऐक्टू प्रदेश महामंत्री के के बोरा, वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी, किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी, माले उधमसिंह नगर जिला सचिव ललित मटियाली, गढ़वाल सचिव अतुल सती, पिथौरागढ़ जिला सचिव गोविन्द कफलिया, ऐपवा नेता विमला रौथाण, जन संस्कृति मंच के मदन मोहन चमोली, एडवोकेट कैलाश जोशी, एडवोकेट दुर्गा सिंह मेहता, किशन बघरी, आइसा नेता अंकित उंचोली, आर वाई ए नेता अतुल सती ने उत्तराखण्ड में संगठन को मजबूत करने को लेकर महत्वपूर्ण विचार विमर्श में अपनी बात रखी।एडवोकेट कैलाश जोशी,नगर सचिव,