उत्तराखण्ड
टीपी नगर पुलिस चौकी को थाने का दर्जा देने की मांग को लेकर माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से ज्ञापन सौंपा,,
हल्द्वानी,,,देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल के कुमाऊँ मंडल प्रवक्ता हरजीत सिंह चड्ढा ने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि यातायात नगर पुलिस चौकी को थाने का दर्जा दिया जाए आज हल्द्वानी में यातायात व्यवस्था काफी बदहाल होती जा रही है जैसा कि हल्द्वानी यातायात नगर से उत्तराखंड के समस्त जिलों में आर्थिक गतिविधियां संचालित होती हैं पूरी अर्थव्यवस्था इसी शहर से जुड़ी हुई है कुमाऊं मंडल में चिकित्सा शिक्षा रोजगार का केंद्र हल्द्वानी है जिससे कि कई लोगों का ट्रांसफर/स्थानांतरण हेतु उपयोग के लिए वाहनों की आवश्यकता हल्द्वानी यातायात नगर से ही उपलब्ध कराई जाती है देवभूमि व्यापार मंडल के कुमाऊं मंडल प्रवक्ता हरजीत सिंह चड्ढा ने कहा कि पूर्व में भी
पुलिस चौकी को थाना बनाने की मांग करी थी तथा उन्होंने मांग करी की यातायात नगर पुलिस चौकी को थाने का दर्जा दिया जाए जैसा कि यातायात नगर चौकी का निर्माण केवल यातायात नगर की देखरेख यातायात नगर की शांति व्यवस्था के हेतु किया गया था। और अब यहां पर खाली पड़े भूखंड पर बस अड्डे का भी निर्माण होने की भी जानकारी मिली है जिस पर यहां पर यात्री आवागमन महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर यहां पर थाना होना काफी आवश्यक हो गया है जैसा कि वर्तमान में चौकी का कार्य क्षेत्र काफी बढ़ा दिया गया इसमें देवलचौड़ से लेकर फुटकुआं गन्ना सेंटर, मानपुर पश्चिम, मानपुर दक्षिण, जीतपुर नेगी, पंचायत घर, बिरला स्कूल बेलबाबा हरिपुर जन्म सिंह महर्षि स्कूल वाला क्षेत्र तक का क्षेत्र जोड़ दिया गया है। जिससे कि इस पुलिस चौकी का कार्यभार काफी बढ़ गया इस वजह से क्षेत्र में अपराध काफी बढ़ रहा। और राष्ट्रीय राजमार्ग नैनीताल दिल्ली हाईवे इसी के क्षेत्र में पड़ता है वह मंडी बाईपास यातायात नगर के तीनों गेट देवलचौड में अधिकतर जाम की समस्या बनी रहती है यातायात नगर चौकी जाम व्यवस्था देखने में ही व्यस्त रहती है जिसको लेकर पूर्व मैं भी कई बार बैठक कर मांग की गई है उक्त चौकी को पुलिस चौकी को थाने का दर्जा दिया जाए । और उत्तराखंड सरकार भी हो गम्भीर शीघ्र से शीघ्र करे घोषणा इससे यहां की यातायात व्यवस्था शांति व्यवस्था Law & Order में सुधार आए। ज्ञापन देने वालों में ट्रांसपोर्टर नेता हरजीत सिंह चड्ढा और राज्य आंदोलनकारी राजेंद्र सिंह बिष्ट मौजूद थे।