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उत्तराखण्ड

माले और किसान महासभा ने विरोध प्रदर्शन करते हुए लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्यारी भाजपा की मोदी व योगी सरकार का पुतला दहन किया

• माले और किसान महासभा ने विरोध प्रदर्शन करते हुए लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्यारी भाजपा की मोदी व योगी सरकार का पुतला दहन किया

• मंत्रीपुत्र पर धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज करने, उसकी तत्काल गिरफ्तारी करने, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्री पद से तत्काल बर्खास्त करने व लखीमपुर हत्याकांड की न्यायिक जांच कराने की मांग
• मोदी योगी शर्म करो, किसानों की हत्या का जवाब दो

लखीमपुर खीरी में किसानों के हत्याकांड के खिलाफ भाकपा(माले) और अखिल भारतीय किसान महासभा ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कार रोड में जुलूस निकालकर कार रोड चौराहा, बिंदुखत्ता में भाजपा की मोदी व योगी सरकार का पुतला दहन किया।

किसानों के विरोध में चल रही हत्यारी भाजपा सरकारों ने अब उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों का हत्याकांड रचकर आंदोलन को हिसंक बनाने का षड़यंत्र रचा है। कल 3 अक्टूबर को काला झंडा लेकर राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का शांतिपूर्ण विरोध के लिए जा रहे किसानों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ने अपनी गाड़ी चढ़ाई और गोली चलाई। जिसमें कई किसानों की मौत हो गई और कई किसान घायल हो गए। यह किसानों के आंदोलन को कुचलने की सोची समझी रणनीति बनाई जा रही है।

विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के नैनीताल जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “भाजपा शुरू से ही देश में तीन किसान क़ानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के प्रति शत्रुता का भाव रखती है। पहले दिन से भाजपा ने अपने सोशल मीडिया नेटवर्क के माध्यम से किसान आंदोलन को बदनाम करने और उसके विरुद्ध घृणा फैलाने का अभियान चलाया हुआ है। किसानों के दमन के लिए भी हर मुमकिन हथकंडा विभिन्न प्रदेशों में भाजपा की सरकारें आजमा चुकी हैं।
लेकिन तमाम दांवपेच और दमन के बावजूद बीते दस महीनों से 600 से अधिक शहादतों के बावजूद किसान आंदोलन मजबूती से डटा हुआ है। अपनी हर चाल के नाकाम होने के बाद किसानों के दमन के लिए उनपर गोली चलाने और उन्हें गाड़ी के पहियों तले रौंदने का नया दांव भाजपा आजमा रही है। ऐसा करके भाजपा ने किसानों के खून से अपने हाथ पूरी तरह रंग लिए हैं। लेकिन किसान आंदोलन इस तरह के हथकंडों से रुकने वाला नहीं है।”

उन्होंने कहा कि, “सत्ता की लिप्सा और कारपोरेट मालिकों की सेवा में भाजपा सरकार और कितना नीचे गिरेगी। किसान आंदोलन इन दमनकारी हथकंडों से दबने वाला नहीं है, दस महीने का अनुभव यह बता रहा है। किसान यदि खेत में फसल में उग आए खरपतवार को पहचान कर उखाड़ सकता है तो देश की सत्ता पर यदि खरपतवार उग जाएगी तो उसे भी वह उखाड़ फेंकेगा।”

अखिल भारतीय किसान महासभा के वरिष्ठ नेता भुवन जोशी ने कहा कि, “एक मंत्री के बिगड़ैल बेटे के पहियों तले रौंद कर किसान आंदोलन खत्म नहीं किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन काले कृषि क़ानूनों के खिलाफ विरोध में उतरे किसानों को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे की गाड़ी ने कुचल डाला, जिसके चलते तीन किसानों की मौत हो गयी और आठ किसान गंभीर रूप से घायल हो गए। यह बेहद शर्मनाक है, मोदी सरकार को इसका जवाब देना होगा। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का विरोध इसलिए किया जा रहा था क्यूंकि वे जन सभाओं में किसानों के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल कर चुके थे। किसानों को गाड़ी से रौंदने की वारदात को तब अंजाम दिया गया, जबकि प्रदर्शन खत्म होने के बाद किसान वापस लौटने को थे। उन्होंने न केवल किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी बल्कि उन पर फ़ाइरिंग भी की। तीन में से एक किसान की मौत उनकी गोली से हो गई।”

माले और किसान महासभा ने हत्यारे मंत्रीपुत्र पर धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज करने, उसकी तत्काल गिरफ्तारी करने, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्री पद से तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है।

प्रदर्शन व पुतला दहन में माले के जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय, बिंदुखत्ता सचिव ललित मटियाली, वरिष्ठ किसान नेता भुवन जोशी, माले नेता विमला रौथाण, पुष्कर दुबड़िया, किशन बघरी, नैन सिंह कोरंगा, धीरज कुमार, चन्दन राम, हरीश भंडारी, पछास के महेश, किसान महासभा के त्रिलोक सिंह दानू, निर्मला शाही, बीना, राजू, रतन, त्रिलोक राम, माया देवी, खीम सिंह आदि मौजूद रहे।


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