उत्तराखण्ड
जम्मू कश्मीर के पूछ में पवित्र केंद्रीय गुरुद्वारे में हुई घटना को लेकर सिख समाज ने की कड़ी निंदा एवं दिवंगत आत्माओं के लिए की गई अरदास ,
पवनीत सिंह बिंद्रा
हल्द्वानी। जम्मू कश्मीर के पूछ में पवित्र केंद्रीय गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा साहिब पर पर पाकिस्तान सेना द्वारा किए गए कायराना हमले की हल्द्वानी सिख पंजाबी समाज ने कड़ी निंदा की है सिख समाज में भारी रोष। जानकारी देते हुए
हल्द्वानी की समस्त सातों( 7 तो) गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों ने बयान जारी करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में LOC के पास स्थित गुरुद्वारा साहिब पर पाकिस्तान की ओर से बम से किया गया हमला बेहद निंदनीय और मानवता को शर्मसार करने वाला है। इस हमले में रागी सिंह भाई अमरीक सिंह, अमरजीत सिंह, रंजीत सिंह एवं रूबी कौर जी की मृत्यु बेहद दुखद है। हम सभी दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। गुरु साहिब जी से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्माओं को अपने चरणों में स्थान दें और परिजनों को यह असहनीय पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें। इस दौरान नानकमत्ता गुरुद्वारा के महासचिव अमरजीत सिंह बोपाराए हल्द्वानी सिंह सभा मुख्य सेवादार वीरेंद्र सिंह चड्ढा , गुरु नानकपुरा मुख्य सेवादार हरजीत सिंह सच्चर ,अमरीक सिंह आनंद रणजीत नागपाल, चार साहिबजादे के मुख्य सेवादार अमनदीप सिंह बबलू कुकरेजा,परमजीत सिंह शंटी ट्रांसपोर्टर नेता हरजीत सिंह चड्ढा स्टेट सेक्रेटरी अमरजीत सिंह बंटी आनंद SGPC मेंबर प्रताप सिंह सहित पाकिस्तान सेना द्वारा किए गए अमानवीय हमले की घोर निंदा की है।
वही ट्रांसपोर्टर नेता हरजीत सिंह चड्ढा ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर भारतीय सेना और प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद कहा है उन्होंने बताया कि सिख समुदाय ने हमेशा देश की सेवा और सुरक्षा के लिए अपना योगदान दिया है। सिख इतिहास में कई उदाहरण हैं जहां सिखों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण नौछावर करें है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक से लेकर सिख गुरुओं और सिख योद्धाओं तक, सभी ने देश और समाज की सेवा के लिए काम किया है। सिख समुदाय ने हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए अपना समर्थन दिया है। आज भी, सिख समुदाय के सदस्य देश की सेवा में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, चाहे वह सेना में सेवा करना हो, सामाजिक कार्य करना हो, या अन्य तरीकों से देश के विकास में योगदान देना हो और यह हर सिख का दायित्व अपनी मातृ भूमि के लिए बनता है
