उत्तराखण्ड
करो योग रहो निरोग युवा मन युवा तन विषय पर आयोजित,,
हल्द्वानी,,संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन एवं पातंजलि योगपीठ द्वारा संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया
करो योग रहो निरोग युवा मन युवा तन विषय पर आयोजित
हल्द्वानी 21 जून 2024 :- संत निरंकारी मिशन ब्रांच हल्द्वानी एवं पातंजलि योगपीठ द्वारा संयुक्त रूप से दिनांक 21 जून 2024 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वसुदेव कुटुंबकम के सिद्धांत वन वर्ल्ड वन हेल्थ विषय अनुसार प्रातः 6:00 से 8:00 तक योगाचार्य श्री आर पी जोशी जी के निर्देशन में हरगोविंद सुयाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज कुसुमखेड़ा हल्द्वानी मैं आयोजित किया गया मुख्य अतिथि महेश शर्मा जी पुर्व राज्यमंत्री उत्तराखंड सरकार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की । मुख्य अतिथि का स्वागत जिला प्रभारी भारत स्वाभिमान नैनीताल श्री डी एस खाती ने किया इसमें 205 योग साधकों व संत निरंकारी सेवादल के भाई बहन एवं एसएनसीएफ के सेवादारों ने भाग लिया। जिला प्रभारी भारत स्वाभिमान श्री डी एस खाती जी व संत निरंकारी मिशन हल्द्वानी ब्रांच के इनचार्ज श्री आनंद सिंह नेगी ने योग के इतिहास व वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला तथा योग के लाभ के बारे में चर्चा की।
संत निरंकारी मिशन नैनीताल जोन के जोनल इंचार्ज सेवानिवृत कर्नल श्री जसबिंदर सिंह जी ने बताया कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का यही कहना है कि हम सभी में आध्यात्मिक जागृति तभी संभव है जब हम शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ हो तभी हम सभी का संपूर्ण सर्वांगीण विकास हो सकता है अतः हमें समय-समय पर स्वास्थ्य जागरूकता हेतु भी अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए ताकि हम तन मन से स्वस्थ रह सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने भी अपने विचारों में ‘स्वस्थ मन सहज जीवन’ अपनाने का दिव्य मार्गदर्शन देते हुए यही समझाया है कि हमें अपने शरीर को निरंकार प्रभु की अमोलक देन समझते हुए उसे स्वस्थ एवं सेहतमंद बनाए रखना है। अतः ऐसे स्वास्थ्यवर्धक कार्यक्रमों का उद्देश्य केवल यही है कि इस भागदौड़ भरी जिदंगी में अपनी सेहत पर और ध्यान देते हुए उसे बेहतर एवं उत्तम बनाते हुए एक स्वस्थ जीवन जीना है।
अन्त में सन्त निरंकारी मिशन के शाखा इंचार्ज श्री ए एस नेगी जी ने भी साधकों का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम के अंत में मिशन की ओर से शिविर आये हुए लोगों के लिए सूक्ष्म जलपान की व्यवस्था की गयी थी।