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उत्तराखण्ड

झूठे सुनहरे सपनों के नाम पर जनता को गुमराह ना करे भाजपा सरकार: बल्यूटिया

झूठे सुनहरे सपनों के नाम पर जनता को गुमराह ना करे भाजपा सरकार: बल्यूटिया
-महंगाई, बेरोजगारी और बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था जैसे गंभीर मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है सरकार

हल्द्वानी।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने प्रदेश की भाजपा सरकार को नसीहत दी है कि वह जनता को झूठे सुनहरे सपने दिखाकर गुमराह ना करे। सरकार को शर्म करनी चाहिए कि प्रसूताएं आज भी सड़क और पार्कों में प्रसव करने को मजबूर हैं। फिर भी इस सरकार का लड़खड़ाती स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने में कोई रुचि नहीं है।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता बल्यूटिया का कहना है कि सरकार की उदासीनता के कारण राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था लगातार लड़खड़ाती जा रही है। इसकी एक बानगी बुधवार को देखने को मिली। कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी महानगर मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर बल्यूटी ग्राम सभा के मोरा तोक निवासी प्रसूता ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। जबकि कुछ दिन पहले ही एक अन्य प्रसूता ने पार्क में ही बच्चे को जन्म दिया था। इसके अलावा खेत, सड़क और रास्तों में प्रसूता द्वारा बच्चों को जन्म देने की घटनाएं आम हो चुकी हैं। सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण वहां
इलाज कराने जाने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गरीब लोग भी प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर होते हैं। कोरोना काल में आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से जो स्टाफ नर्स रखी गई थी उन्हें 3 महीने से वेतन नहीं दिया गया है। उनका पीएफ भी काटा जा रहा है या नहीं इसकी भी जांच होनी चाहिए।
बल्यूटिया ने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण प्रशिक्षित और दक्ष नर्सो को अपने वेतन और नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में टनल पार्किंग बनाने का सरकार को ब्लू प्रिंट जारी करना चाहिए। जो सरकार पहाड़ के पर्यटन स्थलों में छोटी-छोटी पार्किंग स्थल विकसित किए जाने की ओर कोई ध्यान नहीं दे पाई आज अचानक टनल पार्किंग बनाने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है। जहां गरीबों के चूल्हे जलने मुश्किल हो रहे हैं वही युवा बेरोजगार दर-दर भटक रहा है। बदहाल सड़कें जहां दुर्घटनाओं को दावत दे रही हैं वही लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन रही है। जल निकासी का प्रबंधन नहीं होने के कारण बरसात में जलभराव की समस्या आम हो गई है। अब तो प्रशासनिक अधिकारी भी बात सुनने को तैयार नहीं होते। प्रशासन ने भी सरकार का मुंह देखकर ही काम कर रहा है। ऐसे में बिना सिफारिश के आम जनता के कोई काम नहीं हो रहे हैं

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