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बैकडोर से पी०आर०डी० के नाम से आउटसोर्स जैसी व्यवस्थाए बंद हों।

कुलदीप सिंह ललकार देहरादून

देहरादून,,(पी०आर०डी०) में अनाधिकृत तरीके से प्रविष्ट नम्बर एलोटमेंट किये जा रहे हैं) प्रान्तीय रक्षक हित संगठन के जिलाध्यक्ष गम्भीर सिंह रावत ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को लिखा पत्र। उन्होंने मुख्यमंत्री के संज्ञान में डाला कि प्रान्तीय रक्षक दल 1948 एक फोर्स की तर्ज पर आज तक शान्ति सुरक्षा का कार्य करते हुये पूरे मनोबल से अपनी सेवायें देते आ रही है। जिसमें कि इस फोर्स का जब से उत्तराखण्ड राज्य गठन हुआ तब से लेकर आतिथि तक पी०आर०डी० जवानों एवं पी०आर०डी० संगठन के द्वारा समय-समय पर अपनी मूलभूत समस्याओं के सम्बन्ध में सरकार / शासन एवं विभाग को भी अवगत कराया जा चुका है कि सबसे पहले उन जवानों/कार्मिकों को ही पूरे साल में 365 दिन का नियमित रोजगार दिया जाय, एवं मूलभूत समस्याओं का शासनादेश जारी किया जाय, जिन जवानो/कार्मिकों को 2016 से पहले विभाग के माध्यम से तैनात / नियमित किया जाय। और पी०आर०डी० विभाग को एक आउटसोर्स का जरिया न बनाया जाय। पी०आर०डी० विभाग एक 1948 का कन्फर्म विभाग है। इस सम्बन्ध में अवगत कराना है कि शासन और विभाग मिलकर समाचार पत्रों के माध्यम से एक विज्ञप्ति जारी करते हैं कि अप्रशिक्षित व्यक्ति अपना पंजीकरण / पूर्व के दस्तावेज के साथ पी०आर०डी० के क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करा दें, और उन पी०आर०डी० जवानों को प्रविष्ट नम्बर अलोटमेंट करने के सम्बन्ध में है, जो कि ठीक उसी के विपरीत एवं नियम के विरूद्ध है। पूरे प्रदेश में पी०आर०डी० जवानों को वर्ष के माध्यम से तैनात आतिथि तक लगभग 9400 लोग पूरे मनोयोग से सम्पूर्ण विभागों / कार्यालयों/ संस्थानों में अपनी सेवायें दे रहे हैं, जबकि उनको ही वर्ष भर आज तक का रोजगार सरकार एवं विभाग के द्वारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। और फिर बैकडोर से पी०आर०डी० के नाम से आउटसोर्स जैसी व्यवस्थाए कराई जा रही है जिसका की आज समाचार पत्रो में प्रकाशित किया गया है कि प्रदेश भर के पी०आर०डी० जवान एवं प्रदेश/ जिला संगठन पूर्ण वहिष्कार करता है क्यूकि संगठन कई बार पत्राचार के माध्यम से शासन एवं प्रशासन को अवगत कराया गया है कि पी०आर०डी० में प्रशिक्षण प्राप्त जावानों को ही रोजगार दिया जाय और जरूरत पडने पर पी०आर०डी० के माध्यम से ही नियमानुसार पदवार भर्ती कराई जाए साथ ही महोदय आपके संज्ञान में यह भी लाना चाहते हैं कि पी०आर०डी० के माध्यम से मा० सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रिम कोर्ट) में पी०आर०डी की मूलभूत समस्याओं से संबंधित याचिका विचाराधिन है, एवं संगठन के माध्यम से पी०आर०डी० नियमावली 2024 में भी आपत्तियां लगाई हैं, फिर भी विभाग अपनी मनमानी करता जा रहा है, जिससे की पी०आर०डी० जवानों व संगठन को गहरा आघात पहुंच रहा है। इस से पी०आर०डी० जवानों व संगठन भारी आक्रोशित है महोदय पी०आर०डी० जवानों की नियमावली में संशोधन किये जाने की प्रक्रिया लम्बित होने के बावजूद भी इस तरह से जवानों को छला जा रहा है।अतः उपरोक्तानुसार आपस से सादर अनुरोध करना है कि विभाग के माध्यम से सभी विभागों में तैनात 2016 से पहले लगे प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित जवानों को ही पूरे साल में 365 दिन का नियमित रोजगार दिये जाने एवं उन्हीं प्रशिक्षित / अप्रशिक्षित जवानो / कार्मिकों की मूलभूत समस्याओं का शासनादेश जारी किये जाने हेतु का उचित निर्णय लेने का कष्ट करें, जिससे कि सभी जवानों / कार्मिकों का मनोबल बढ़ा रहे।

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