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उत्तराखण्ड

आदर्श चम्पावत, उत्तराखण्ड @ 25 को लेकर लगातार कार्य जारी हैं,,,

चंपावत

आदर्श चम्पावत, उत्तराखण्ड @ 25 को लेकर लगातार कार्य जारी हैं, इस हेतु विभिन्न स्तरों में कार्य करते हुए चंपावत जिले को एक आदर्श जिले के रूप में विकसित किए जाने हेतु निरंतर कार्य किया जा रहा है। जिले में स्वरोजगार को बढ़ाए जाने हेतु कृषि ओद्यानिकी पशुपालन के क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को जोड़े जाने हेतु अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है,इन विभागों में योजनाओं आदि के संचालन में आ रही समस्याओं को वैज्ञानिक तकनीकी से दूर किए जाने हेतु आदर्श चंपावत हेतु बनाई गई नोडल एजेंसी उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग(यूकॉस्ट) द्वारा भारत के विभिन्न प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों की मदद से जिले में फील्ड में किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याओं के समाधान हेतु कार्य किया जा रहा है।
इसी क्रम में आदर्श चंपावत को लेकर एक बैठक जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई
बैठक में आदर्श चम्पावत हेतु नोडल एजेंसी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी संस्थान के महानिदेशक दुर्गेश पंत ने चंपावत जिले को एक आदर्श जिला बनाए जाने हेतु किए जा रहे विभिन्न कार्यों,प्रस्तावित योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि चंपावत जिले को आदर्श जिला चंपावत बनाए जाने के लिए हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। इस हेतु विभिन्न विभागीय स्तर पर कार्य योजनाएं तैयार कर जमीनी स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। जिले के विकास हेतु अनेक योजनाएं प्रस्तावित हैं। जिले के निरंतर विकास हेतु विभिन्न स्तर पर कार्यवाही गतिमान है
बैठक में यूकास्ट, अग्नि मिशन तथा विभिन्न संस्थानों से आए वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले की आर्थिकी को बढ़ाए जाने, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़े जाने हेतु हमें कृषि और औद्योनिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, मौन पालन को बढ़ावा देना होगा। स्थानीय उत्पादों को बेहतर मूल्य एवं बाजार,विपणन की व्यवस्था मुहैया कराए जाने के क्षेत्र में कार्य करना होगा। जिले में ही लोगों को रोजगार देने के लिए बड़े प्रोजेक्ट लगाने के क्षेत्र में कार्य करना होगा। जिसमें यहां उत्पादित फलों पर आधारित फैक्ट्रियां स्थापित हों, यहां के उत्पादों को अलग से ब्रांडिंग हो, उत्पादों को बेहतर मूल्य मिले इस हेतु तकनीकी का सहयोग आवश्यकीय है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में वैज्ञानिक अपना विशेष सहयोग दें,तकनीकी ज्ञान जमीनी स्तर तक पहुंचाएं
जिलाधिकारी ने कहा कि जिस प्रकार जिले में कोलीढेक के निर्माण से वर्तमान में लगभग 200 स्थानीय लोगों को किसी न किसी रूप में रोजगार मिल रहा है। इसी प्रकार भविष्य में यहां बनने वाले साइंस सेंटर, आईएसबीटी जैसी परियोजनाओं से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि यहां अन्य बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य करना होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि तकनीकी ज्ञान बढ़ाए जाने हेतु प्रमुख रेखीय विभागों के अधिकारियों को देश के महत्वपूर्ण संस्थानों, स्थलों आदि का भी भ्रमण कराए जाने के प्रस्ताव रखे जाएं तथा वैज्ञानिक तकनीकी का लाभ उठाया जाए।
बैठक में उपस्थित महानिदेशक यूकास्ट दुर्गेश पंत ने अवगत कराया कि आदर्श चंपावत के अंतर्गत जिले में अनेक कार्य किए जा रहे हैं। शीघ्र ही जिले में स्वीकृत साइंस सेंटर का प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा भूमि पूजन किया जाएगा। यहां भव्य साइंस सेंटर का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आजीविका के क्षेत्र में जिले में अनेक कार्य किए जा रहे हैं इस हेतु देश के विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों, इसरो जैसे संस्थानों के वैज्ञानिक से सहयोग लिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि जिले के विकास हेतु सभी विभागों का एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है,ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ प्रति व्यक्ति को मिले।उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी अनेक कार्य किए जा रहे हैं स्मार्ट कक्षाओं के संचालन के साथ ही तकनीकी का लाभ लेकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा रहा है। जिले को स्वच्छता के क्षेत्र में भी आदर्श जिला बनाए जाने हेतु ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु कार्य किया जा रहा है इस हेतु विभिन्न स्थानों में कूड़ा निस्तारण हेतु कॉम्पेक्टर स्थापित कराए जाने हेतु योजना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि जिले में सगन्ध पौध उत्पादन,चाय उत्पादन को भी बढ़ाए जाने हेतु कार्य गतिमान है। जिले के विकास हेतु अग्नि मिशन के अंतर्गत प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार भारत सरकार के कार्यालय द्वारा भी तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है,यहां की वैज्ञानिकों की टीम क्षेत्र में आकर किसानों की समस्या से रूबरू होकर उन्हें तकनीकी सहायता से उनकी समस्याओं का समाधान कर रही है
प्रो.दुर्गेश पंत ने यूकॉस्ट के सहयोग से आदर्श जनपद हेतु किए जा रहे कार्यों, प्रस्तावित योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले के विकास हेतु इसरो द्वारा तैयार डैशबोर्ड की सहायता से कार्य किया जा रहा है।

 बैठक में अग्नि मिशन से आए प्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया कि विज्ञान एवं तकनीकी से चंपावत जिले में विभिन्न विभागों फील्ड स्तर पर आ रही विभिन्न समस्याओं को कैसे दूर किया जा सकता है, संस्थान इस क्षेत्र में कार्य कर रही है तथा तकनीकी सहयोग दे रही है । जिले में कृषि विभाग अंतर्गत मृदा परीक्षण की समस्या को देखते हुए किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनी तथा उन समस्याओं को भारतीय तकनीकी के माध्यम से कैसे दूर किया जा सके इस पर रिसर्च कर उन समस्याओं को भारतीय तकनीकी के माध्यम से दूर किए जाने का कार्य किया गया। उन्होंने अवगत कराया कि जिले के नरसिंहडांडा में मृदा परीक्षण तथा सिंचाई हेतु पानी की समस्या को दूर करने के लिए मौके पर ही जाकर मृदा परीक्षण कर उन्हें तकनीकी का ज्ञान तथा लाभ दिलाया गया। उन्हें पानी की समस्या हेतु वाटर पंप की आधुनिक जानकारी देते हुए लाभ दिलाया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार *अग्नि मिशन के अंतर्गत द्वितीय चरण में जिले में वनाग्नि की रोकथाम हेतु तथा बंजर भूमि में पौधरोपण व आजीविका के क्षेत्र में कार्य किया जाएगा*बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आर एस रावत, अग्नि मिशन के सनीद दिलीप पाटिल, प्रकाश मिश्रा,यूकॉस्ट से आए वैज्ञानिक अनुभव सिंह,आलोक सिंह,रोहित सिंह सहित विभिन्न रेखीय विभागों से आये वैज्ञानिक/अधिकारी उपस्थित रहे।

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