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108 की सुविधा उपलब्ध न होने पर एक युवक की मृतु हो गई ,,गगन चड्ढा ,
आर टी आई एक्सपर्ट स्वर्गीय गुरविंदर सिंह चड्ढा जी की दुकान के बाहर एक युवक की मौत हो गई
उनके बेटे गगन चड्ढा ने अपनी तरफ से तमाम प्रयास किये की युवक की जान बच सके परंतु किसी ने भी इस मामले को गम्भीरतापूर्वक नही लिया ,उन्होंने कहा कि तमाम सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाता हैं पर इस युवक के लिए सारी प्रचार प्रसार की घोषणा की हकीकत सामने आ गई ,और युवक की जान चली गई,,उनके द्वारा ये कहा गया कि108 की मूल सुविधा या मजाक 108 उन्होंने कहा कि आज पिता जी कमी मुझे महसूस हो रही हैं वह किस तरह इन सरकारी तंत्र से सवाल जवाब करते थे ,
108 मूल सुविधा या मज़ाक
आज जीवन पांडे, नाम का 40 वर्षीय युवक, मंगल पड़ाव में खड़े खड़े गिर गया, 108 पर अनगिनत काल किये, पर एक कॉल नही लगा। आसपास के सारे डॉक्टर्स को कहा गया, सबने पल्ला झाड़ लिया 108 को कॉल केजिये, आपातकाल सेवा हमारा जिम्मा नही।
ग्राहकों, व सबकी तमाम आग्रह के बाद पुलिस प्रशाशन ने एम्बुलेंस करवा पाए, पर तब तक बहुत देर हो गयी और उनकी मृत्यु हो गयी।
इसका जिम्मेदार कौन है? क्या हमारी जान की कोई कीमत नही? 108 अगर मिलेगा नही तो उसका क्या मतलब है? क्या डॉक्टर्स का ये फ़र्ज़ नही की प्राथमिक इलाज करें
आज इस घटना ने बहुत सवाल खड़े कर दिए है, क्या इन चीज़ों के लिए मनावनाधिकार का हनन नही?
भगवान जीवन पांडे जी की आत्मा को शांति दे