उत्तराखण्ड
जिले में मानसिक रूप से व दोनों पैरों से दिव्यांग व्यक्तियों का एक डेटाबेस तैयार कर,उनकी नियमित कॉउंसलिंग करने के साथ ही विशेष रूप से सरकारी योजनाओं के अंतर्गत सहायता प्रदान की जाएगी, ।
हल्द्वानी। जिलाधिकारी वंदना द्वारा शनिवार को हल्द्वानी कैम्प कार्यालय में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र हल्द्वानी की समीक्षा की।
जिलाधिकारी ने कहा कि हल्द्वानी बेस चिकित्सालय परिसर में संचालित दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र DDRC के माध्यम से दिव्यांगजनों को हरएक सहायता समय पर उपलब्ध कराई जाए,जिले में जिन भी दिव्यांगजनों के अभी तक विशेष पहचान पत्र UDID, नहीं बन पाए हैं वह शीघ्रता से बनाए जाय, साथ ही उन्हें सरकार की योजनाओं की जानकारी प्रदान करने के साथ ही उन्हें उनका लाभ प्रदान कराया जाय। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि चिकित्सा विभाग एवं दिव्यांगजनों के सहायतार्थ कार्य कर रही विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से
जिले में विभिन्न स्थानों में दिन तय कर विशेष शिविर लगाकर दिव्यांगजनों व उनके परिजनों के साथ वार्ता कर,व उनका स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही उनकी समस्याओं से रूबरू होकर उन्हें एक बेहतर माहौल व सहायता प्रदान करें।
बैठक में समीक्षा के दौरान जिला समाज कल्याण अधिकारी ने अवगत कराया कि पुनर्वास केन्द्र में कुल 12 पदों की स्वीकृति प्राप्त है,जिनमें से 2 ही कार्यरत हैं,इस संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि शीघ्र ही रिक्त पदों को भरे जाने हेतु नियमानुसार विज्ञप्ति जारी करें ताकि दिव्यांगजनों को और अधिक सहायता व लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि जिले में एक भी दिव्यांग व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे।
बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी ने अवगत कराया कि जिले में 6000 दिव्यांगजनों को वर्तमान में पेंशन दी जा रही है। जिले में 9000 दिव्यांगजनों के विशिष्ट पहचान पत्र UDID बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त 151 दिव्यांगजनों को अभी जिले में चिह्नित किया जा रहा हैं जिन्हें अगले सप्ताह कैम्प लगाकर योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट,रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष, सदस्य सहित रोशनी सोसायटी, सृजन सोसायटी आदि से आए प्रतिनिधि उपस्थित रहे।