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उत्तराखण्ड

मायावती आश्रम में मनुष्य को दिव्यता, भव्यता, शुद्धता, पवित्रता की अनुभूति होती है राज्यपाल गुरमीत सिंह

परमजीत सिंह गांधी बनबसा

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) अपने दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम के अनुसार दूसरे दिन जनपद के लोहाघाट स्थित अद्वैत आश्रम मायावती पहुंचे।
मायावती आश्रम पहुँचकर राज्यपाल ने कहा कि यहां की प्रकृति तनाव मुक्त करने में मददगार है। उन्होंने कहा कि यह आश्रम देश-विदेश के लोगों को आध्यात्म की ओर आकर्षित करता है, उन्होंने मायावती में संचालित हो रहे धर्मार्थ चिकित्सालय की सेवाओं व सुविधाओं की सराहना की।
राज्यपाल ने इसके बाद मायावती आश्रम परिसर का भ्रमण किया और सौंदर्य को निहारा। उन्होंने कहा कि लोहाघाट की गोद में बसा मायावती आश्रम एक रमणीक स्थान है। उन्होंने कहा कि यह अद्वैत आश्रम स्वामी विवेकानंद की स्वप्न भूमि है, यह आश्रम रामकृष्ण की एक प्राचीन शाखा केंद्र ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के इतिहास में विवेकानंद की भावधारा तथा वेदांत साधना का एक महान केंद्र है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड और हिमालय के प्रति स्वामी विवेकानंद की असीम आस्था रही। स्वामी जी का ध्यान सिद्ध, हिमालय एवं शिव की भूमि से आत्म संबंध था। उनका देवभूमि उत्तराखंड के प्रति अगाध श्रद्धा थी, वह हिमालय से प्रेम करते थे। आज हम 125वीं जयंती मना रहे हैं।

 उन्होंने कहा कि मायावती आश्रम में मनुष्य को दिव्यता, भव्यता, शुद्धता, पवित्रता की अनुभूति होती है। यह केंद्र धरती के केंद्र को आत्म के केंद्र बिंदु से जोड़कर ब्रह्मांड के केंद्र बिंदु से जोड़ता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि सभी को स्वामी विवेकानंद की बातों से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने आश्रम के संस्थापक सेवियर दंपति एवं स्वामी स्वरूपानंद को भी याद किया। 
 उन्होंने बाद में ध्यान कक्ष में ध्यान लगाया और कहा की ध्यान वाला स्थान चमत्कारिक है, जहाँ मस्तिष्क में एक अलग ही शांति की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा की स्वामी विवेकानंद द्वारा मायावती आश्रम में आकर 15 दिनों तक ध्यान और साधना की। उन्होंने कहा की सभी को स्वामी जी की सोच, विचार, धारणा, उनके सिद्धांत और मार्गदर्शन पूरे विश्व में ले जाना होगा। उनका संदेश ब्रह्मांड, भारतीयता, भारत वर्ष और मानवता के बारे में वह इतना गहरा है कि उसकी आज एक अलग ही जरूरत दिखाई देती है। वास्तविकता में इस स्थान पर जो सकारात्मक तरंगें हैं वह अपने में एक अलग ही अनुभूति देते हैं। 
    उन्होंने कहा कि मैं पूरे भारत के साथ-साथ पूरे विश्व को यह बताना चाहता हूं कि अगर किसी को भी जानना है कि मानवता, आध्यात्मिकता, साधना, वैदिक योग क्या होते हैं तो वह एक बार जरूर चम्पावत के मायावती आश्रम आए। 
   इसके उपरांत माननीय राज्यपाल ने आइटीबीपी 36वी वाहनी लोहाघाट में सैन्य अधिकारियों एवं जवानों के साथ संवाद किया और साथ ही कहा की हिमवीर भारत की सीमा पर तैनात हमारे वह प्रहरी है जो हमें बाहरी दुश्मनों से बचाते हुए हमारे देश की सीमा की रक्षा करते हैं। इस दौरान राज्यपाल ने सेना में रहते हुए अपने सेना के सेवा काल के अपनी अनुभव को साजा किया।

Lt Gen Gurmit Singh

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