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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस और पोषण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित,

स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान के तहत मानसिक स्वास्थ्य और पोषण पर दिया सशक्त संदेश

हल्द्वानी, 15 अक्टूबर 2025।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में ‘संकाय मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी के संरक्षण में, विश्वविद्यालय के सीका, मनोविज्ञान विभाग एवं महिला अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन द्वारा एकेडमिक डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) पी. डी. पंत, प्रभारी निदेशक सीका प्रो. (डॉ.) गगन सिंह, समाज विज्ञान विद्याशाखा की निदेशक एवं महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक प्रो. (डॉ.) रेनू प्रकाश, मुख्य अतिथि परामर्श मनोवैज्ञानिक सिमरन रेहिल और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सीता ने संयुक्त रूप से किया।प्रो. रेनू प्रकाश ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य आधुनिक समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है। उन्होंने “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान से जुड़ते हुए महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को सामाजिक कल्याण की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम बताया।
मुख्य वक्ता सिमरन रेहिल ने कहा कि आत्म, प्रकृति और चेतना के संतुलन से ही सच्चा मानसिक स्वास्थ्य संभव है। उन्होंने भावनाओं की पहचान और नियंत्रण को मानसिक मजबूती की कुंजी बताया।
प्रो. पी. डी. पंत ने कहा कि बौद्धिक और भावनात्मक विकास के लिए मानसिक परिपक्वता आवश्यक है, जबकि प्रो. गगन सिंह ने स्वीकार्यता को मानसिक स्वास्थ्य का पहला चरण बताया।कार्यक्रम में डॉ. भाग्यश्री जोशी ने विशेषज्ञों का परिचय कराया, संचालन डॉ. नागेंद्र गंगोला ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ललित मोहन पंत द्वारा दिया गया। विश्वविद्यालय के विभिन्न प्राध्यापक, निदेशक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएँ कार्यक्रम में उपस्थित रहे।कार्यशाला ने मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति जागरूकता को एक नई दिशा प्रदान की।पोषण माह में महिला स्वास्थ्य जागरूकता अभियानविश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग द्वारा “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” के तहत पोषण माह के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र हिम्मतपुर मल्ला–I और II में “स्वास्थ्य एवं पोषण जागरूकता कार्यक्रम” आयोजित किए गए।इन कार्यक्रमों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, किशोरियों और लाभार्थी महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मुख्य उद्देश्य महिलाओं और किशोरियों में स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और संतुलित आहार के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा।गृह विज्ञान विभाग की शिक्षिकाओं — डॉ. दीपिका वर्मा, डॉ. प्रीति बोरा, श्रीमती मोनिका द्विवेदी, डॉ. ज्योति जोशी और डॉ. पूजा भट्ट — ने संतुलित आहार, पोषण तत्व, रक्ताल्पता की रोकथाम, टीकाकरण, व्यक्तिगत स्वच्छता और सुरक्षित मातृत्व जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम के अंत में पोषण संबंधी पेम्फलेट वितरित किए गए और सूक्ष्म जलपान की व्यवस्था की गई।आंगनबाड़ी केंद्रों की प्रभारी श्रीमती नीलम काला और श्रीमती चंद्रकला, सहायिकाएँ श्रीमती लता तिवारी व श्रीमती भगवती जोशी भी सक्रिय रूप से जुड़ीं।विश्वविद्यालय ने दोनों कार्यक्रमों के माध्यम से यह संदेश दिया कि — “स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार की नींव है।”

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