Connect with us

उत्तराखण्ड

ग्रामीणों ने आवारा गाय बैलों को तहसील लालकुआं में बांधा,


लालकुआं भाजपा के लिए गाय सिर्फ वोट पाने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का माध्यम, उनकी दुर्दशा से भाजपा का कोई सरोकार नहीं : इंद्रेश मैखुरी

सरकार पशुपालकों से गोवंश की खरीददारी करे, अन्यथा गौरक्षा कानून वापस ले : आनन्द सिंह नेगी

आवारा गोवंश के कारण खेती किसानी चौपट होने और लगातार जारी सड़क दुर्घटनाओं से परेशान ग्रामीणों ने अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में ‘सरकारी आवारा गोवंश को सरकार के हवाले करो’ कार्यक्रम के अंतर्गत सैकड़ों ग्रामीण महिला पुरुषों ने आवारा गाय बैलों को हांककर तहसील कार्यालय लालकुआं में बांधने के पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आवारा गोवंश को तहसील में बांधा।

कार्यक्रम के समर्थन में पहुंचे भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने इस अवसर पर कहा कि, भाजपा के लिए गाय भी सिर्फ वोट पाने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का माध्यम है, उनकी दुर्दशा से भाजपा का कोई सरोकार नहीं है। अगर ऐसा न होता तो भाजपा की सरकारें आवारा होते गौवंश से खेती, मनुष्य जीवन और खुद इन्हें बचाने के प्रभावी उपाय करती।

उन्होंने कहा कि, भाजपा की सरकार जिस भी चीज के संरक्षण का दावा करती है या उसे पवित्र घोषित करती है, उसकी सर्वाधिक दुर्दशा हो जाती है। सड़कों पर आवारा घूमती गायें, पॉलीथीन खाती और नाली का गंदा पानी पीती गायें, इस बात का प्रमाण है कि भाजपा और आरएसएस के लोग कितना ही गौ माता का जाप करें, लेकिन गायों की सर्वाधिक दुर्दशा भाजपा के एक दशक के शासन में हुई है। प्रधानमंत्री कई राज्यों के आसन्न विधानसभा चुनावों को सामने देख गाय के बछड़े के साथ फोटोशूट करवा रहे हैं। फोटो तक सीमित इस गौ प्रेम से आगे बढ़ कर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि आखिर उनके राज में गौ वंश दर दर की ठोकरें क्यों खा रहा है? एक तरफ प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी गौ प्रेमी होने का प्रदर्शन करती है और दूसरी तरफ वे बीफ कंपनियों से कई सौ करोड़ रुपया चंदा ले लेते हैं। उत्तर भारत में गाय की रक्षा के नाम पर निर्दोषों की जान तक ले ली जा रही है और दूसरी तरफ उत्तर पूर्व में भाजपा गौ मांस खाने का समर्थन करती है। एक ही मसले पर भाजपा का यह दोहरा रवैया क्यों ? खानपान के नाम पर निर्दोषों की मॉब लिंचिंग की खुली छूट क्यों है?

अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि, आवारा गाय बैलों से खेती किसानी संकट में पड़ गई है और सड़कों पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन सरकार असंवेदनशील होकर उदासीन बनी हुई है। सरकार को तत्काल इसका उपाय करना होगा अन्यथा यह परिदृश्य एक बड़ी आपदा की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि, आवारा गाय, बैल, बछड़ों की बढ़ती संख्या और जनता के बीच इसको लेकर बढ़ते असंतोष से निपटने के लिए गौ शालाओं को समाधान के रूप में पेश किया जा रहा है। बीते वर्षों में राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में सैकड़ों गायों के देखरेख के अभाव में गौशालाओं में मरने की बात सामने आई थी। देहरादून के सरकारी कांजी हाउस में भी पिछले वर्ष समुचित देखरेख के अभाव में गायों के मरने का मामला सामने आया था। इसलिए यह स्पष्ट है कि गौशालाओं में गायों को सिर्फ गौ शाला संचालकों को सरकारी अनुदान का लाभ दिलाने के लिए भेजा जा रहा है। इसमें अधिकाश गौ शाला संचालक तो सत्ताधारी भाजपा या उसके अनुषांगिक संगठनों से जुड़े हैं। भाजपा गायों की दुर्दशा का उपयोग भी अपने लोगों को लाभ दिलवाने और आम पशु पालक को ठगने- छलने के लिए कर रही है। इसलिये इस समस्या का स्थाई समाधान गौशाला नहीं बल्कि गोवंश संरक्षण कानून को खत्म करना अन्यथा गोवंश की खरीद की गारंटी सरकार द्वारा किया जाना ही है।

भाकपा माले के जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, भाजपा सरकार ने संरक्षण के नाम पर एक तरफ गाय की बेकद्री की है और दूसरी ओर गाय के बहाने पूरे देश में मॉब लिंचिंग करते गुंडों को गौ रक्षक कहा जा रहा है। वे गायों की रक्षा नहीं करते बल्कि गाय के नाम पर मनुष्य जीवन पर हमला बोल रहे हैं। गौ रक्षक बन कर घूमने वाले इन गुडों पर सख्ती से अंकुश लगाया जाना चाहिए। कुल मिलाकर भाजपा संघ के लिए गाय विभाजन की राजनीति करने का माध्यम बन गई है।

किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, किसान महासभा का स्पष्ट रूप से मानना है कि आवारा गोवंश पशुपालक प्रदत्त आपदा नहीं है यह बड़े पूंजीपतियों के पक्ष में सरकार जनित आपदा है इसके सम्पूर्ण नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की है।

सरकारी आवारा गोवंश सरकार के हवाले करो कार्यक्रम के बाद उपजिलाधिकारी लालकुआं के माध्यम से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर 7 सूत्रीय मांग पत्र भेजा गया जिसमें मांग की गई कि,

  1. पशुपालकों, किसानों व आमजन के पक्ष में निर्णय लेकर गोवंश संरक्षण कानून को शीघ्रातिशीघ्र रद्द करे या गोवंश की स्थितिनुसार (लैंडी, बाखड़ी, बैली गाय, बछिया-बछड़ा, बैल, सांड) सरकारी कीमत निर्धारित कर सरकारी खरीद की गारंटी करे ।
  2. गोवंश द्वारा किये गए हमलों या दुर्घटनाओं में घायलों को ₹10 लाख व मृतकों के परिजनों को कम से कम ₹50 लाख मुवावजा अति शीघ्र प्रदान करे ।
  3. आवारा गाय बैलों के कारण खेतों में खड़ी फसल नष्ट होने का किसानों को समुचित मुआवजा दो!
  4. तहसील लालकुआँ क्षेत्रान्तर्गत आवारा गोवंश के आतंक और लगातार हो रहे जानमाल के नुकसान से त्रस्त क्षेत्रीय जनता को राहत प्रदान करते हुए तहसील प्रशासन आवारा गोवंश की शीघ्रातिशीघ्र अन्यत्र व्यवस्था करे।
  5. निजी गोशाला संचालकों की मनमानी पर रोक लगाई जाए, उनके द्वारा पशुपालकों से की जाने वाली वसूली बंद हो और इन गौशालाओं की अव्यवस्थाओं का प्रशासन संज्ञान ले।
  6. मजबूर होकर अपने पशुओं को छोड़ने वाले पशुपालकों पर कोई कार्यवाही करने का किसान महासभा विरोध करती है और यदि इस तरह की कार्यवाही कहीं भी किसी किसान या पशुपालक पर की गई तो किसान महासभा आंदोलन को बाध्य होगी।
  7. सभी पशुपालकों को गौशालाओं को दिए जा रहे अनुदान और चारे में सब्सिडी की तर्ज पर ही पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान और सब्सिडी देना सुनिश्चित किया जाय।

अखिल भारतीय किसान महासभा ने चेतावनी दी कि, यदि आवारा गोवंश के दंश को झेल रही जनता की आवाज नहीं सुनी गई तो किसान महासभा गौवंश के मामले में सरकार के जनविरोधी रवैए के खिलाफ स्थाई समाधान होने तक लगातार जनान्दोलन – डेरा डालो, घेरा डालो – करने को बाध्य होगी।

ज्ञापन की प्रतिलिपि उपजिलाधिकारी लालकुआं और हल्द्वानी को इस आशय के साथ दी गई कि वे अपने स्तर पर हल की जा सकने वाली समस्याओं का समाधान करने की दिशा में तत्परता से कदम उठाएंगे।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी, उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी, नैनीताल जिलाध्यक्ष भुवन जोशी, भाकपा माले राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, पुष्कर सिंह दुबड़िया, विमला रौथाण, आंनद सिंह सिजवाली, किशन सिंह बघरी, कमलापति जोशी,आइसा नेता धीरज कुमार, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष पुष्कर दानू, कांग्रेस नेता कुंदन सिंह मेहता, प्रगतिशील महिला मंच की पुष्पा, ललित मटियाली, किसान नेता नैन सिंह कोरंगा, हरीश भंडारी, प्रभात पाल, कमल जोशी, मदन धामी, कमला जोशी, पुष्पा, गिरधर बम, निर्मला शाही,मीना जोशी कपिल, मीना जलाल, बलवंत सिंह, जानकी देवी, हीरा मेलकानी, सावित्री,आंनद दानू, प्रवीण दानू, त्रिलोक राम, पनीराम, लक्ष्मण सिंह राठौर, पार्वती, बची सिंह, गुलाब राम, तुलसी देवी, पूनम कार्की, सरस्वती देवी, हरिकिशन, आनंदी, राधा, खष्टी आदि सैकड़ों ग्रामीण शामिल रहे। आनंद सिंह नेगी, प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय किसान महासभा,,,

Ad

More in उत्तराखण्ड

  • उत्तराखण्ड

    भक्ति का सुगंध बिखेरते हुए 58वें निरंकारी सन्त समागम का सफलतापूर्वक समापन

    By

    जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक उपलब्धियों में नहीं बल्कि आत्मिक उन्नति में निहित है सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज हल्द्वानी ‘‘जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक उपलब्धियों में नहीं बल्कि आत्मिक उन्नति में निहित है।’ये उद्गार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने महाराष्ट्र के 58वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के तीसरे एवं समापन दिवस पर लाखों की संख्या में उपस्थित मानव परिवार को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। इस तीन दिवसीय समागम का कल रात विधिवत रूप में सफलता पूर्वक समापन हो गया। सतगुरु माता जी ने आगे कहा कि मनुष्य जीवन को इसलिए ऊँचा माना गया है, क्योंकि इस जीवन में आत्मज्ञान प्राप्त करने की क्षमता है। परमात्मा निराकार है, और इस परम सत्य को जानना मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य होना चाहिए। अंत में सतगुरु माता जी ने फरमाया कि जीवन एक वरदान है और इसे परमात्मा के साथ हर पल जुड़कर जीना चाहिए। जीवन के हर पल को सही दिशा में जीने से ही हमें आत्मिक सन्तोष एवं शान्ति मिल सकती है, हम असीम की ओर बढ़ सकते हैं। इसके पूर्व समागम के दूसरे दिन सतगुरु माता जी ने अपने अमृत वचनों में कहा कि जीवन में भक्ति के साथ कर्तव्यों के प्रति जागरुक रहकर संतुलित जीवन जियें यह आवाहन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने पिंपरी पुणे में आयोजित 58वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के दूसरे दिन शाम को सत्संग समारोह में विशाल रूप में उपस्थित श्रद्धालुओं को किया। सतगुरु माताजी ने फरमाया कि जैसे एक पक्षी को उड़ने के लिए दोनों पंखों की आवश्यकता होती है, वैसे ही जीवन में भक्ति के साथ साथ अपनी सामाजिक एवं पारिवारिक जिम्मदारियों को निभाना अति आवश्यक है। यदि कोई केवल भक्ति में ही लीन रहते हैं और कर्मक्षेत्र से दूर भागने का प्रयास करते हैं तो जीवन संतुलित बनना सम्भव नहीं। दूसरी तरफ भक्ति या आध्यात्मिकता से किनारा करते हुए केवल भौतिक उपलब्धियों के पीछे भागने से जीवन को पूर्णता प्राप्त नहीं हो सकती। सतगुरु माताजी ने आगे समझाया कि वास्तव में भक्ति और जिम्मेदारियों का निर्वाह का संतुलन तभी सम्भव हो पाता है जब हम जीवन में नेक नीयत, ईश्वर के प्रति निष्काम निरिच्छित प्रेम और समर्पित भाव से सेवा का जज्बा रखें। केवल ब्रह्मज्ञान प्राप्त करना काफी नहीं, बल्कि उसे अपने जीवन में अपनाना भी आवश्यक है। एक उदाहरण के द्वारा सतगुरु माता जी ने समझाया कि जैसे कोई दुकानदार अपने काम को पूरी ईमानदारी और संतुलन के साथ करता है, ग्राहक को मांग के अनुसार सही नापतोल करके माल देता है और उसका उचित मूल्य स्वीकारता है। अपने कार्य में पूरी तरह से संतुलन बनाए रखता है। इसी तरह भक्त परमात्मा से जुड़कर हर कार्य उसके अहसास में करता रहता है, सत्संग सेवा एवं सिमरण को प्राथमिकता देता है, यही वास्तविकता में भक्ति का असली स्वरूप है। इसके पहले आदरणीय निरंकारी राजपिता रमित जी ने अपने विचारों में कहा कि भक्ति का उद्देश्य परमात्मा के साथ एक प्रेमपूर्ण नाता जोड़ने का हो। इसके लिए संतों का जीवन हमारे लिए प्रेरणास्रोत होता है जो हमें अपनी आत्मा का मूल स्वरूप परमात्मा को जानकर जीवन का विस्तार असीम सच्चाई की ओर बढ़ाने की शिक्षा देता है। आपने बताया कि हमें अपनी आस्था और श्रद्धा को सच्चाई की ओर मोड़ना चाहिए और हर पल कदम में परमात्मा के प्रेम को महसूस करना चाहिए तभी सही मायनो में भक्ति का विस्तार सार्थक होगा। समागम की कुछ झलकियां कवि दरबार             समागम के तीसरे दिन एक बहुभाषी कवि दरबार का आयोजन किया गया जिसमें जिसका विषय था ‘विस्तार – असीम की ओर।’महाराष्ट्र के अतिरिक्त देश के विभिन्न स्थानों से आए हुए 21 कवियों ने मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, कोंकणी, भोजपुरी आदि भाषाओं में इस कवि दरबार में काव्य पाठ करते हुए मिशन के दिव्य सन्देश को प्रसारित किया। श्रोताओं द्वारा कवियों की भूरि भूरि प्रशंसा की गई।             मुख्य कवि दरबार के अतिरिक्त समागम के पहले दिन बाल कवि दरबार एवं दूसरे दिन महिला कवि दरबार का आयोजन लघु रूप में किया गया। इन दोनों लघु कवि दरबार कार्यक्रमों में मराठी, हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषाओं के माध्यम से 6 बाल कवि एवं 6 महिला कवियों ने काव्य पाठ किया जिसकी श्रोताओं द्वारा अत्यधिक प्रशंसा की गई।  निरंकारी प्रदर्शनी...

  • उत्तराखण्ड

    विशाल वर्मा बने अखिल एकता उद्योग व्व्यापार मण्डल के जिला अध्यक्ष और हर्षित तिवारी जिला प्रभारी,

    By

    हल्द्वानी आज अखिल एकता उद्योग व्यापार मण्डल के यशस्वी प्रदेश अध्यक्ष जी अनुज कांत अग्रवाल जी...

  • उत्तराखण्ड

    स्वतंत्र भारत के इतिहास में उत्तराखण्ड यू.सी.सी लागू करने वाला बना देश का पहला राज्य।,

    By

    मुख्यमंत्री ने किया समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का अनावरण। यूसीसी पोर्टल ucc.uk.gov.in का भी किया...

  • उत्तराखण्ड

    प्रकाश आर्य ने मण्डल अध्यक्ष के निष्कासन की करी मांग।,

    By

    भवाली: भाजपा के पालिकाध्यक्ष प्रत्याशी रहे प्रकाश आर्य ने पार्टी संगठन से मण्डल अध्यक्ष के निष्कासन...

Trending News

Follow Facebook Page