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उत्तराखण्ड

दो-चार लोग फेसबुक पर और सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ लोग मेरी छवि खराब करना चाहते हैं सलीम सकलानी

इंद्रानगर हल्द्वानी की सम्मानित जनता आपको अवगत कराना चाहता हूं। कि पिछले कुछ वर्षो से दो-चार लोग फेसबुक पर और सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ लोग मेरी छवि खराब करना चाहते हैं।
मैं आपको बताना चाहता हूं कि जब से मैने समाज सेवा या राजनीति शुरू की है। आपने मेरा पूरा साथ दिया। मुझे आपने सब कुछ दिया। पर कुछ वर्षों से कुछ लोग मुझे नीचा दिखाने के मकसद से कुछ ना कुछ गलत हरकतें करते चले आ रहे हैं। कुछ वर्ष पहले शिक्षा विभाग ने इंद्रानगर प्रथमिक पाठशाला खाली करा के नया स्कूल बनाने के लिए एक बैठक बुलाई थी। जी.जी.आई.सी इंटर कॉलेज कालाढूंगी रोड, हलद्वानी के पीछे सी. आर.सी ऑफिस में। वहां पर राजकीय इन्टर कॉलेज के उस समय के प्रधानाचार्य, शिक्षा विभाग के अधिकारी और मैं खुद भी मोहजुद था। इंटर कॉलेज के निवर्तमान प्रधानाचार्य ने कहा कि इन्द्रानगर प्रथमिक पाठशाला के बच्चों के लिए हम अपना इंटर कॉलेज का हॉल नहीं देंगे। इन्होंने कहा कि वह प्रथमिक पाठशाला के बच्चों को मछली बाज़ार, बरेली रोड पर स्थित स्कूल में शिफ़्ट करो। और इस बात पर, मैं सभी शिक्षा विभाग के लोगो से लडा और बच्चों के पड़ने के लिए इंटर कॉलेज के हॉल की मांग की। उस बैठक में मेरे आज भी साइन होंगे। उस समय इंद्रानगर इंटर कॉलेज के कोई पंत नाम के प्रधानाचार्य थे।
सन् 2016 और 2017 में प्रथमिक पाठशाला इन्द्रानगर में तीन कमरों का निर्माण सर्व शिक्षा अभियान के तहत किया गया था। तथा सन् 2018, 2019 और 2020 में फिर तीन कमरों का निर्माण सर्व शिक्षा अभियान के तहत किया गया था। स्कूल में बच्चों के लिए भोजन पकाने के लिए किचन अथवा शौचालय का निर्माण भी सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत किया गया। शिक्षा विभाग ने मुझे बताया कि हम इन्द्रानगर स्कूल की बाउंड्री, गेट, और बच्चों के खड़े होने का फील्ड का निर्माण नहीं करा सकते।
तब मैं सन् 2019 मैं अपनी विधायक माननीय इंदिरा जी के पास पहुंचा और उनको पूरी बात बताई। तब उन्होंने विद्यालय व बच्चों के हित में एक लाख निन्यानबे हजार रूपए(1लाख 99हजार रुपए) पी.डब्लयू.डी विभाग को दिए। तब पी. डबल्यू. डी विभाग ने स्कूल की बाउंड्री, गेट और फील्ड में टाइल्स लगाई।
आज अगर स्कूल की बाउंड्री नहीं होती और नाही बच्चों के लिए फील्ड बनता। और साथ मे लोहे के दो गेट नहीं लगते। तो क्या होती स्कूल की दिशा?
आज कुछ लोग अपनी फेसबुक आईडी व्हाट्सऐप के माध्यम से झुठी व ग़लत अफ़वाह फैला रहे हैं। ऐसे लोगो से सावधान रहिए।


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