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उत्तराखण्ड

गांव बढेगा-तो देश बढेगा इस परिकल्पना को साकार करने हेतु कृषक उत्पाद संगठन(एफपीओ) किसानों का सक्रिय संगठन बनाकर धरातल पर कार्य करें ,जिलाधिकारी अनुराधा पाल

बागेश्वर
कृषि अवसंरचना निधि एवं कृषक उत्पाद संगठन की जनपद स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि गांव बढेगा-तो देश बढेगा इस परिकल्पना को साकार करने हेतु कृषक उत्पाद संगठन(एफपीओ) किसानों का सक्रिय संगठन बनाकर धरातल पर कार्य करें, ताकि अन्य कृषक उन्नत कार्य कर अपनी आजीविका संवर्द्धन हेतु प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा कि पहाड़ में छोटे-छोटे जोत वाले काश्तकार होते है, इसलिए किसानों की आजीविका बढाने हेतु कृषि के साथ ही उसके अलाइड सैक्टर में जैसे मिलेट उत्पादन, उद्यान, पशुपालन, मौन पालन, फूलों का उत्पादन, हैंप, बकरी पालन, मत्स्य पालन, फूड प्रोसेसिंग आदि कार्य करने हेतु प्रेरित किया जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि कृषकों की आय वृद्धि में अधिकारियों के साथ ही एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए सभी एफपीओ सक्रिय होकर किसानो को जागरूक करते हुए मजबूत कृषक संगठन सदस्य बनाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एफपीओ को सभी तरह के योजनाओं का लाभ एक साथ पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने एफपीओ के कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निरंतर अधिकारियों से समन्वय बनाते हुए योजनाओं का लाभ कृषकों को पहुचाएं, ताकि किसानों की आय में गुणात्मक वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि एफपीओ किसानों को जागरूक करते हुए उनके उत्पाद वृद्धि करने के साथ ही उनके उत्पादों को बाजार दिलाए ताकि उन्हें उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने एफपीओ को निर्देश दिए कि वे कृषि अवसंरचना निधि में छोटे-छोटे प्रोजेक्ट जैसे कृषि यंत्र, कोल्ड स्टोरेज, सॉटिंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग यूनिट, ग्रोथ सेंटर प्रस्तुत करें, ताकि बैंको द्वारा आसानी से लाभान्वित किए जा सके। 

मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह ने कहा कि एफपीओ सक्रियता से कार्य करें। एफपीओ में एनआरएलएम समूह को भी जागरूक कर शामिल करना सुनिश्चित करें, ताकि अधिक से अधिक महिलाओं की आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि मिलेट वर्ष घोषित है इसलिए पहाडी उत्पाद मंडुवा, गहत, भट्ट, सोयाबीन, लार्इ-सरसो आदि उत्पादों को बढावा देते हुए उनका विक्रय कराना सुनिश्चित करेंगे, इस हेतु एफपीओ, सहकारिता, रीप, कृषि,उद्यान विभाग ग्रामों में जाकर कृषकों को जागरूक करें व उनके क्षेत्र में जाकर उत्पादों को खरीदें, ताकि कृषकों को उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने एफपीओ कार्यकारी अधिकारियों को सदस्यों को उत्पादन के साथ ही उनके ग्रेडिंग व पैकेजिंग का प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए साथ ही कृषक संगठन सदस्यों को विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाए ताकि वे योजनाओं का लाभ उठा सके।

डीडीएम नाबार्ड गिरिश पंत ने बताया कि जनपद के तीनों विकासखंडों में एक-एक एफपीओ गठित है जो कंपनी एक्ट में पंजीकृत हैं। एफपीओ के संचालन हेतु कलस्टर आधारित व्यापार संगठन संस्थायें नामित की गयी है, जिनके द्वारा अपने कार्यालय स्थापित कर कार्यकारी अधिकारी व लेखाकार तैनाती करते हुए एफपीओ का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया इंडियन सोशल रिस्पांसिबिलिटी नेटवर्क संस्था द्वारा बागेश्वर व गरूड एफपीओ तथा कपकोट में त्रेता एग्रो प्रार्इवेट लिमिटेड संस्था द्वारा संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि बागेश्वर एफपीओ में 25 गांवों के 130 किसान शेयर होल्डर है तथा गरूड एफपीओ में 22 गांवो के 122 किसान जुडे है। जबकि कपकोट एफपीओ का संचालन त्रेता संस्था द्वारा हाल में ही 12 गांवो के 78 काश्तकारों को जोडने हेतु प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नाबार्ड की कृषि अवसंरचना निधि में कृषि संबंधी मूलभूत अवसंरचना के निर्माण को बढावा दिया जाता है साथ ही इस योजना में फसल कटार्इ के उपरांत उसके प्रबंधन हेतु भण्डारण व प्राथमिक प्रसंस्करण व अन्य गतिविधियों हेतु फडिंग की जाती है। उन्होंने कहा कृषि अवसंरचना निधि में एफपीओ कृषि संबंधी छोटे-छोटे प्रोजेक्ट प्रस्तावित करें व बैंको से समन्वय स्थापित करते हुए ऋण लाभ उठाए।   

बैठक में जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, मुख्य कृषि अधिकारी एसएस वर्मा, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 आर चन्द्रा, महाप्रबंधक उद्योग जीपी दुर्गापाल, मत्स्य अधिकारी मनोज मियान, लीड बैंक अधिकारी एनआर जौहरी, एआर कॉपारेटिव मनोज पुनेठा, डीपीएम रीप मोहम्मद आरिफ खान, एफपीओ प्रबंधक मनोज भारती, दर्शन सिंह गढिया, समुद्र कुमार संिहत एफपीओ सदस्य, एनआरएलएम समूह सदस्य आदि मौजूद थे।

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