उत्तराखण्ड
राज्यपाल ने दी राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई,,
राजभवन देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की 25 वर्ष की गौरवशाली यात्रा संकल्प, परिश्रम और सफलता की मिसाल है। राज्यपाल ने अमर शहीदों, आंदोलनकारियों और जननायकों को नमन करते हुए कहा कि उनके त्याग और संघर्ष से ही उत्तराखण्ड राज्य का स्वप्न साकार हो पाया।राज्यपाल ने कहा कि युवा उत्तराखण्ड ने राज्य गठन से अब तक विकास की नई ऊंचाइयां छुई हैं। चाहे अर्थव्यवस्था का विस्तार हो, बुनियादी सुविधाओं का विकास या जनकल्याण की योजनाएं—राज्य ने जनभागीदारी और सुशासन का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का प्रथम राज्य बना है। भू-कानून, नकल विरोधी, धर्मांतरण विरोधी और दंगारोधी कानून जैसे निर्णयों से शासन व्यवस्था सशक्त हुई है।गुरमीत सिंह ने कहा कि जी-20 बैठकों, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन, विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और राष्ट्रीय खेलों जैसे आयोजनों से राज्य ने अपनी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान को और सशक्त किया है। इन आयोजनों ने उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षणिक क्षमताओं को प्रदर्शित करते हुए ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की दिशा में राज्य की भूमिका को मजबूत बनाया है।राज्यपाल ने कहा कि विकास के साथ विरासत को जोड़ना ही विकसित उत्तराखण्ड का नया मंत्र है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को अपनाएं, ताकि आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड एवं आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो सके। उन्होंने बताया कि शीतकालीन यात्रा, होम-स्टे योजना, वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट, स्वयं सहायता समूह और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़ी पहलें प्रदेश के विकास को नई ऊर्जा दे रही हैं।उन्होंने पुलिस बल की सराहना करते हुए कहा कि अनुशासन और दक्षता से उत्तराखण्ड पुलिस ने शांति और सद्भाव का वातावरण बनाए रखा है। कांवड़ यात्रा संचालन, यातायात प्रबंधन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा, महिला सुरक्षा और ड्रग्स-फ्री उत्तराखण्ड को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।राज्यपाल ने कहा कि मातृशक्ति उत्तराखण्ड के विकास की आधारशिला रही है। महिला स्वयं सहायता समूह आज सफलता की नई कहानियां लिख रहे हैं। प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की प्रतीक बनकर नई ऊंचाइयों को छू रही हैं।उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे एआई, सेमीकंडक्टर और साइबर तकनीक जैसी नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर डिजिटल क्रांति में अग्रणी बनें। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को ऐसा राज्य बनाना होगा जहां गांव का बच्चा भी विज्ञान, तकनीक और शोध की भाषा समझे।राज्यपाल ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे संकल्प लें कि आने वाले 25 वर्षों में उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे और अपने सपनों को संकल्प तथा संकल्पों को सिद्धि में बदलेंगे।

























