उत्तराखण्ड
अग्निपथ योजना से देश व समाज होगा प्रगति के पथ पर अग्रसर ।
अग्निपथ योजना से देश व समाज होगा प्रगति के पथ पर अग्रसर ।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने अग्निपथ योजना के विषय मे विस्तार से जानकारी देते हुए युवाओं से अपील की है कि योजना की महत्ता को समझना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अग्निवीर का उद्देश्य देश के लिए योग्य युवाओं का चयन करना है। चयनित युवाओं को 04 वर्ष के लिए अग्निवीर के रूप में पंजीकृत किया जाएगा। 04 वर्ष की सेवा का बाद मेरिट व संस्थागत आवश्यकता के अनुरूप 25 प्रतिशत युवा स्थाई सेवा में शामिल हो जाएंगे।
04 वर्ष की सेवा से प्रशिक्षित होने के बाद अग्निवीर जब समाज मे प्रवेश करेगा तो वह तकनीकी रूप से दक्ष, डायनमिक, अनुशासित, प्रशिक्षित व दक्ष नागरिक के रूप में निवास करेगा जिससे देश व समाज प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।
सरकारी सेवा में इच्छुक हेतु अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्त्र बलों, असम राइफल , रक्षा पीएसयू, कोस्टगार्डमें 10 प्रतिशत की छूट के साथ ही कतिपय सेवा में आयुवर्ग में भी छूट दी जाएगी।
मिथक ।
युवाओं में यह मिथ्या है कि अग्निवीर का भविष्य असुरक्षित, अवसर की कमी, 04 वर्ष की सेवा के बाद युवा अपरिपक्व व सेना के लिए अविश्वसनीय है। साथ ही इससे आर्म्ड फोर्सेज के प्रभाव पर असर होगा। यह बिल्कुल असत्य है।
वैश्विक परिवेश में नियुक्ति प्रक्रिया।
अमेरका, ब्रिटेन, इजराइल, फ्रांस सहित कई विकसित देशों में भी अनुबन्ध के आधार पर नियुक्ति की जाती है व आपातकालीन परिस्थिति में आवश्यकतानुसार सेवा में शामिल किया जाता है।
सेवा निधि पैकेज का प्रयोग।
भविष्य के लिए शिक्षापरक योजना।
04 वर्ष बाद शिक्षा हेतु इच्छुक अग्निवीर को ब्याज सहित लगभग 11.71 लाख रुपए मिलेंगे जिसमे आयकर में छूट मिलेगी। इसके साथ ही स्नातक, व्यवसायिक कोर्स के लिए पर्याप्त धन भी उपलब्ध रहेगा जिससे शैक्षिक योग्यता को बढ़ाने में आसानी होगी।
सेवानिधि पैकेज से कई उद्यमी बनकर रोजगार प्रदाता बनेंगे।
एट्रिब्यूटेड फैक्टर डेथ में सेवानिधि सहित 01 करोड़ रुपये मिलेंगे व शेष सेवाकाल का पूरा वेतन मिलेगा। विकलांगता के प्रतिशत के आधार पर अधिकतम 44 लाख व शेष सेवाकाल सेवा का पूर्ण वेतन मिलेगा।
युवाओं को अल्पावधि के लिए सेना में भर्ती होने एवं अग्निवीर के तौर पर देश की सेवा करने का अवसर देने के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत की है, और उन्हें विश्वास है कि संपूर्ण राष्ट्र एवं विशेष तौर पर देश के युवा भारतीय सशस्त्र सेनाओं को सर्वोच्च सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, तथा अपने जीवन काल में किसी ने किसी मोड़ पर प्रत्येक बच्चा सेना की वर्दी धारण करने की तमन्ना रखता है, या यह कहें इस प्रस्ताव से सशस्त्र सेनाओं के युवा प्रोफाइल में इजाफा होगा। और साथ ही साथ उसके प्रौद्योगिकी बेस या आधार में भी सुधार होगा।
योजना के अंतर्गत संबंधित सैन्य अधिनियम के तहत देश के हर कोने से युवाओं को 4 वर्ष की अवधि के लिए बतौर अग्निवीर भर्ती किया जाएगा। इसमें प्रयास रहेगा कि परंपरागत तकनीकी प्रथाओं और व्यवस्थाओं का इस्तेमाल कर देश के कोने-कोने से सर्वाधिक योग्य अग्नि वीरों का चयन किया जाए।
योजना के पहले वर्ष 2022 में 40 हजार युवाओ का थल सेना में चयन किया जाएगा जिसमें चरणबद्ध रूप से इस संख्या में वृद्धि करते हुए ग्यारहवें वर्ष तक इसे बढ़ाकर 127500 कर दिया जाएगा, 4 वर्ष की अवधि समाप्त होने पर यह अग्निवीर एक अनुशासित गतिशील अभिप्रेरित और कुशल कार्य बल के रूप में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए वापस लौटेंगे तथा सशस्त्र बल इन अग्नि वीरों को 4 वर्ष की अवधि की समाप्ति पर प्रति धारित करने या रोकने के लिए बाद भी नहीं होंगे। प्रत्येक अग्निवीर द्वारा अर्जित कौशल को प्रमाण पत्र के स्वरूप उसके परिचय में शामिल किया जाएगा जो आने वाले वर्षों में उसे लाभान्वित करेगा