उत्तराखण्ड
भीमताल हरेले मेले में अव्यवस्थाओं का अंबार, सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी की प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग,
भीमताल:,,, पहाड़ देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव का प्रतीक भीमताल हरेला मेला इस बार अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया है। भीमताल के मेला ग्राउंड में कीचड़, जलभराव और गंदगी का आलम है, जिसने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है। अभी उतनी बारिश न होने के बावजूद भी मेला स्थल की बदहाल स्थिति ने न केवल मेले की गरिमा को ठेस पहुंचाई है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर किया है।स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने इस स्थिति पर कड़ा रुख अपनाते हुए नगर प्रशासन और जिला प्रशासन से तत्काल कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहाँ, “मेला ग्राउंड को शीघ्र जलभराव, कीचड़ और गंदगी से मुक्त करना मेले की प्रमुख मांग है। मेले में आने वाली जनता को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। पेयजल की सभी लोगों के लिए समुचित व्यवस्था बनाये, स्वच्छ शौचालय, और सुबह-शाम नियमित कूड़ा सफाई की व्यवस्था तुरंत सुनिश्चित की जाए। “मेले में आए व्यापारियों और स्थानीय निवासियों ने भी पूरन बृजवासी की मांगों का पुरजोर समर्थन किया है। एक मेले में पहुँचें स्थानीय निवासी, रमेश चंद्र ने बताया, “मेला ग्राउंड में इतना कीचड़ है कि बच्चों और बुजुर्गों का चलना अभी मुश्किल हो रहा है अगर आगे बारिस हुई तो पूरा मैदान ब्लाक रोड तालाब बन जाएगा। शौचालयों की हालत खराब है और पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं। नगर पालिका ने पहले से कोई तैयारी नहीं की, जिसका खामियाजा हम और व्यापारी भुगत रहे हैं।”मेले में अव्यवस्थाओं की शिकायतें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं, जहां मेले से जुड़े स्थानीय लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। लोगों ने सुझाव दिया है कि मेला ग्राउंड में अस्थायी ड्रेनेज सिस्टम स्थापित किया जाए, भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए जाएं, और स्वच्छता के लिए एक निगरानी समिति गठित हो। हरेला मेला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि यह भीमताल और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाता है। मेला ग्राउंड की मौजूदा स्थिति न केवल मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के उत्साह को ठंडा कर रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और प्रशासन की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा रही है।स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांगें: मेला ग्राउंड को कीचड़, जलभराव और गंदगी से तत्काल मुक्त किया जाए।
स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
स्वच्छ और पर्याप्त शौचालयों का प्रबंध किया जाए।
सुबह-शाम नियमित कूड़ा सफाई और ग्राउंड आसपास निगरानी की व्यवस्था हो।
अस्थायी ड्रेनेज सिस्टम और बेहतर भीड़ प्रबंधन के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने जिला प्रशासन और नगर पालिका से अपील की है कि इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तत्काल कार्यवाही की जाए। उन्होंने चेताया कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो स्थानीय समुदाय इस मुद्दे को और बड़े स्तर पर उठाने को मजबूर होगा।🙏

