उत्तराखण्ड
नकल विरोधी कानून से नकल माफियाओं की दुकानें बंद: जलागम परिषद उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा की विपक्ष पर सख्त टिप्पणी,
हल्द्वानी। उत्तराखंड जलागम परिषद के उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा ने आज एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य का नौजवान अब गलत दिशा में भटक रहा है और इसके पीछे किसका हाथ है, इसका खुलासा होना बाकी है। उन्होंने सीधे तौर पर सवाल उठाया कि आखिर इन युवाओं के पास अचानक पैसा कहाँ से आ रहा है, क्या कोई साजिश चल रही है शंकर कोरंगा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश में वर्ष 2023 में लागू ‘नकल विरोधी कानून’ ने नकल माफियाओं की दुकानों पर ताले जड़ दिए हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि नकल माफिया अब या तो जेल में हैं या उन पर गैंगस्टर एक्ट लगाकर संपत्ति जब्त की जा रही है ।उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक का लंबा इतिहास रहा है। इससे पहले अनेक बार युवाओं के अधिकार छिने गए, लेकिन अब सख्त कानून के चलते सभी परीक्षाएँ शुद्ध, निष्पक्ष और पारदर्शी हो रही हैं।मुख्य बिंदु और कानूनी प्रावधाननकल विरोधी कानून (2023) के तहत आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान है।नकल से अर्जित संपत्ति जब्त की जा सकती है।परीक्षार्थियों पर पहली बार दोषी पाए जाने पर 3 वर्ष की जेल, न्यूनतम ₹5 लाख; दूसरी बार पर 10 साल की जेल, ₹10 लाख तक का जुर्माना और 10 वर्ष की परीक्षा प्रतिबंध ।हालिया UKSSSC पेपर लीक प्रकरण21 सितंबर को UKSSSC की स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान, हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से तीन पृष्ठों के प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट वायरल हुए।मुख्य आरोपी खालिद मलिक, जिसने मोबाइल छिपाकर प्रश्नपत्र की फोटो अपनी बहन साबिया को भेजी।साबिया ने प्रश्न असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजकर हल प्राप्त किए।इन सभी को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी, एक दरोगा और सिपाही तक को जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही के लिए निलंबित किया गया है ।राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में SIT का गठन किया है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है और एक महीने में अंतिम रिपोर्ट देनी है।प्रशासनिक कार्रवाईसरकार अब तक 100 से अधिक आरोपियों को जेल भेज चुकी है, 60 से अधिक संपत्तियां जब्त की गई हैं, और गैंगस्टर एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया: “जो भी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करेगा, उसे किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा रोजगार और विकासइस कानून के आने के बाद चार वर्षों में 25,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और चिकित्सा सेवा चयन आयोग के माध्यम से समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से भर्तियां हो रही हैं। निजी क्षेत्र में 81,000 से अधिक रुज़गार के अवसर बने और लगभग एक लाख करोड़ का निवेश प्रदेश में आया है, साथ ही कौशल उन्नयन योजनाओं से विदेशों में भी युवाओं के लिए अवसर बढ़े हैं ।गहरी साजिश की शंकाकोरंगा ने कहा, हाल की घटना के पीछे कोचिंग व नकल माफिया के गठजोड़ एवं सुनियोजित अराजकता फैलाने की संभावना है, सरकार सतर्क है और हर दोषी को सलाखों के पीछे डालने के निर्देश दिए गए हैं। अभियुक्तों के सभी तकनीकी और आर्थिक स्रोतों की जांच की जा रही है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह विराम लग सके।सरकार का संदेशसरकार का स्पष्ट संदेश है: ‘‘उत्तराखंड में अब मेहनत, योग्यता और ईमानदारी ही चलेगी। नकल करने-कराने वालों के लिए जेल और उनका समर्थन करने वालों का सामाजिक बहिष्कार तय है।’’
















