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उत्तराखण्ड

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष‑2025 के अवसर पर हल्द्वानी में सात दिवसीय सहकारिता मेले का शुभारंभ

सांसद अजय भट्ट व सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने किया उद्घाटन

हल्द्वानी, 25 नवंबर 2025
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किए जाने के उपलक्ष्य में उत्तराखंड सरकार प्रदेश के सभी जिलों में सहकारिता मेलों का आयोजन कर रही है। इसी क्रम में हल्द्वानी के एम.बी. इंटर कॉलेज मैदान में मंगलवार को सात दिवसीय सहकारिता मेले का शुभारंभ नैनीताल‑उधमसिंह नगर क्षेत्र के सांसद अजय भट्ट और सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने संयुक्त रूप से किया।मुख्य अतिथि सांसद अजय भट्ट ने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता मेला ग्रामीण आर्थिक‑सामाजिक गतिविधियों को गति देने, किसान‑उद्यमियों‑महिला समूहों को नई पहचान दिलाने और स्थानीय उत्पादों को स्थायी बाजार प्रदान करने का माध्यम है। उन्होंने बताया कि सहकारिता के क्षेत्र में राज्य में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे युवाओं और महिला समूहों को आत्मनिर्भरता मिली है।सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में अब तक सात सहकारिता मेले आयोजित किए जा चुके हैं जिनसे हजारों लोग लाभान्वित हुए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करा रही है, जिससे अब तक ₹8000 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। इसी प्रकार 8200 महिला समूहों को प्रति समूह ₹5 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया गया है। अब तक राज्य में 2 लाख ‘लखपति दीदी’ तैयार की जा चुकी हैं और लक्ष्य 4 लाख तक बढ़ाया गया है।उन्होंने आगे कहा कि राज्य में मोटे अनाज (मिलेट्स) को प्रोत्साहन देने के लिए सहकारिता विभाग ₹50 प्रति किलो दर से मंडुवा खरीद रहा है। वर्ष 2017 में घाटे में चल रहा विभाग अब ₹300 करोड़ के लाभ में है। डॉ रावत ने बताया कि जनवरी माह से तीन नई योजनाएं लागू की जा रही हैं—भारत यात्रा हेतु समूहों को सहकारी बैंक से ₹2 लाख तक ऋण सुविधा।महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ₹21,000 से ₹2 लाख तक बिना गारंटी ऋण।फल‑सब्जी विक्रेताओं के लिए त्वरित ऋण (1% ब्याज दर पर तीन दिन में) योजना।कार्यक्रम में सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक प्रदीप मल्होत्रा, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। इस अवसर पर 12 लाभार्थियों को चेक भी वितरित किए गए।मेले में कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी, हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद सहित लगभग 150 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें स्थानीय उत्पादों की बिक्री पर विशेष जोर है। उद्घाटन सत्र में आँचल कला केंद्र की टीम ने पारंपरिक लोकगीत प्रस्तुत कर संस्कृति की झलक दी, जबकि संचालन विभु कृष्णा एवं मीनाक्षी ने किया।

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