उत्तराखण्ड
पाँच सूत्रीय मांगों को ले कर बेतालघाट ब्लॉक के लोगो ने भरी हुंकार,
गरमपानी खैरना बाजार में रैली निकाल कर उपजिलाधिकारी कार्यालय में किया जोरदार धरना प्रदर्शन
गरमपानी– बेतालघाट ब्लॉक के लोगो द्वारा बुधवार को पाँच सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व विधायक संजीव आर्य, पूर्व राज्य दर्जा मंत्री पी सी गोरखा तथा पूर्व ब्लॉक प्रमुख सतीश नैनवाल के नेतृत्व में रैली निकाल कर उपजिलाधिकारी कार्यालय में जोरदार धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमे लोगो द्वारा मांगो को ले कर जम कर नारेबाजी की गई। जिसमें बेतालघाट तथा रामगढ़ ब्लॉक के 3 दर्जन से अधिक गाँव केलोगो द्वारा रैली तथा धरने में शामिल हो कर जम कर विरोध व्यक्त किया गया। जिसमें ब्लॉक के लोगो द्वारा शहीद बलवन्त सिंह मोटर मार्ग के पिछले 15 से अधिक वर्षों से बदहाल होने, रामनगर गर्जिया बेतालघाट कैचीधाम मोटर मार्ग टू लेन कार्य को शुरू करने, दिल्ली, देहरादून बेतालघाट रोडवेज़ बस सेवा को बहाल करने, गरीब किसानों को भूमिधारी अधिकार व मालिकाना हक देने, थुवा ताड़ीखेत पेयजल योजना के निर्माण को ले कर धरना प्रदर्शन किया गया। वही इन सभी समस्याओं को ले कर सभी लोगो द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उपजिलाधिकारी बी सी पन्त के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया।
जिसमे
जिसमे पूर्व विधायक संजीव आर्य ने कहा कि बेतालघाट ब्लॉक में कई महत्वपूर्ण समस्या बनी हुवी है। जिसमे सबसे पहले सड़क की समस्या आम हो गयी है। उन्होंने कहा कि आज सरकार शहीद बलवन्त सिंह के नाम से बनी सड़क सबसे अधिक बदहाल पड़ी हुवी है जिसमे शहीद के नाम का सड़क के माध्यम से अपमान किया जा रहा है। वही तीन साल बेमिशाल का नारा देने वाली सरकार द्वारा तीन साल पहले इन मार्गो से रोडवेज बसों की सेवा तक समाप्त कर दी गई है, जिसमे आम जन को अब कैची धाम में लगने वाले जाम से रोजना जूझना पड़ रहा है। जिसमे मरीजों को पहाड़ से हलद्वानी जाने में 2 दिन का समय लग जाए रहा है। उन्होंने सभी मांगो को जल्द पूरा ना होने पर आन्दोलन की चेतवानी दी गयी है।
वही पूर्व राज्य दर्जा मंत्री पी सी गोरखा ने शहीद बलवंत सिंह मेहरा मोटर मार्ग में हाटमिक्स निर्माण, रामनगर गर्जिया बेतालघाट कैचीधाम टू लेन मोटर मार्ग का निर्माण, दिल्ली देहरादून बेतालघाट कैंची धाम मार्ग पर रोडवेज़ बस का संचालन, हरिनगर गाँव के लोगो को मालिकाना हक व भूमिधरी अधिकार की मांग को सबके सामने रखा गया। जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य को अस्तित्व में आए पच्चीस साल हो गये इससे पूर्व यह प्रदेश 1950 में पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण यहां की भौगोलिक स्थिति भिन्न होने के कारण यहां की सामाजिक आर्थिक राजनीतिक व धार्मिक परिस्थितियाँ भिन्न हैं।पर्वतीय क्षेत्र में बसने वाले मूल निवासी शिल्पकार है जो अधिकांश आज भी भूमिहीन हैं ये लोग या तो वन ग्रामों में बसे हैं या फिर कुछ लोग हरिनगर गांवों में जो 1920 में मुन्शी हरि प्रसाद टम्टा के प्रयासों से बसाये गये थे, जिसमे आश्चर्य की बात है कि इन ग्रामों में बसे इन लोगों को आजतक मालिकाना हक नहीं मिला है।आज भी सरकार की योजनाओं से ये वंचित हैं।राजनीति की बात करें तो वर्तमान में अनुसूचित जाति के तेरह विधायक हैं उन्होंने कभी इसका जिम्मेदारी के साथ संज्ञान नहीं लिया गया वही जमीनी नेताओं ने जब कभी उनको वन ग्रामों व हरिनगरों के निवासियों की इन समस्याओं से अवगत कराया भी तो कोरे आश्वासनों से आगे कुछ नहीं किया।आज कुछ बुद्धिजीवी लोग भूमि की इन विषयों का संज्ञान लेकर समाधान के लिए संकल्पबद्ध है।
वही इन दौरान ग्रामीणों ने चेतावनी दी गयी कि अगर सरकार द्वारा 3 माह के भीतर कार्यो को नही किया गया तो सभी ग्रामीणों द्वारा कमिश्नरी का घेराव तथा विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
इन दौरान पूर्व विधायक संजीव आर्य, पी सी गोरखा, सतीश नैनवाल, एस लाल, प्रेम पथिक, गणेश राम, जे डी कत्युरा, शेखर दानी, मन मोहन, बची राम, भुवन सिंह, खुशाल हाल्सी, राजेन्द्र मेहर इत्यादि लोग मौजूद रहे।

