उत्तराखण्ड
केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से शराब और नशीली वस्तुओं के दुरुपयोग से बचाव संबंधी विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन,
हल्द्वानी ,,,उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से शराब और नशीली वस्तुओं के दुरुपयोग से बचाव संबंधी विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन समाजशास्त्र विद्याशाखा के निदेशक व प्रभारी कुलपति प्रोफेसर गिरजा पांडे, कुलसचिव डॉ के आर भट्ट, शिक्षाशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ डिगर सिंह फस्वार्ण व कार्यशाला संयोजक डॉ सिद्धार्थ पोखरियाल द्वारा किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि साईं कृपा नशा मुक्ति केंद्र, कुसुम खेड़ा के संचालक श्री दुष्यंत आहूजा द्वारा अपने वक्तव्य में लोगों को नशे में ड्रग्स से दूर रहने की अपील करते हुए उसके दुष्प्रभाव की जानकारी दी और बताया कि समाज में बढ़ती इन कुरीतियों पर हमको स्वयं अपने घर में आयोजित होने वाले समारोह में इसका बहिष्कार करके प्रारंभ करनी चाहिए। वर्तमान समय में शिक्षकों को प्रति सप्ताह एक बार छात्रों को इस विषय के रूप में जागरूक करना आवश्यक है। डॉ डिगर सिंह फस्वार्ण द्वारा विद्यालय व महाविद्यालयी बच्चों में बढ़ती ड्रग्स व नशाखोरी की आदत के प्रति चिंता व्यक्त की, साथ ही साथ अभिभावकों को जागरूक होने की आवश्यकता पर बल दिया। विशेष शिक्षा विभाग के समन्वयक व कार्यशाला के संयोजक डॉ सिद्धार्थ पोखरियाल द्वारा स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के नियामक संस्था भारतीय समाज सुरक्षा संस्थान के सहयोग से इस कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर गिरिजा पांडे द्वारा अपने वक्तव्य में युवाओं में बढ़ती नशे व ड्रग्स की आदतों के कारण चोरी डकैती जैसी आदतों के शिकार हो जाने पर चिंता व्यक्त की। साथ ही अभिभावकों द्वारा लगातार समय-समय पर अपने बच्चों की कोचिंग , मित्रों इत्यादि जानकारी लेते रहने का सुझाव भी दिया जिससे कि बच्चों की असामान्य गतिविधियों की जानकारी अभिभावकों को समय पर हो सके। विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ खेमराज भट्ट द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया और सभी प्रतिभागियों से नशे व ड्रग्स से दूर रहने की अपील की गई और युवाओं को रचनात्मक कार्य करते रहने का सुझाव दिया गया। तकनीकी छात्रों में श्रीमती भावना धोनी द्वारा नशे व ड्रग्स के सेवन द्वारा होने वाली दिव्यांगता व श्रीमती शैलजा द्वारा पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से नशे व ड्रग्स का सामाजिक जीवन पर पडने वाले दुष्प्रभाव विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यशाला का संचालन सहायक प्राध्यापिका डॉ बबीता खाती द्वारा किया गया कार्यक्रम में डॉ अखिलेश सिंह,श्री तरुण नेगी, श्रीमती पूजा शर्मा, श्रीमती रश्मि सक्सैना, डॉ निर्मल तड़ागी, श्री मनोज पांडे सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

