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उत्तराखण्ड

विश्व पर्यटन दिवस पर उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में “पर्यटन और सतत परिवर्तन” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित,,

हल्द्वानी। विश्व पर्यटन दिवस 2025 के अवसर पर उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, पर्यटन, आतिथ्य एवं होटल प्रबंधन विद्याशाखा (STHHM) द्वारा “पर्यटन और सतत परिवर्तन” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र में हो रहे सतत परिवर्तनों, उनके समाज और पर्यावरण पर प्रभावों के सकारात्मक–नकारात्मक पक्षों पर गंभीर विचार–विमर्श करना था।कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष टम्टा, सहायक प्राध्यापक द्वारा किया गया। स्वागत भाषण निदेशक (पर्यटन एवं आतिथ्य) प्रो. एम. एम. जोशी ने देते हुए विद्यार्थियों को सतत विकास की अवधारणा से परिचित कराया। संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ. अखिलेश सिंह ने उत्तराखंड की पर्यटन संभावनाओं व सतत विकास के महत्व पर प्रकाश डाला।कुलपति प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि पर्यटन आर्थिक लाभ के साथ–साथ सांस्कृतिक आदान–प्रदान और सामाजिक विकास का भी साधन है। उन्होंने चीन, स्विट्जरलैंड तथा यूरोप के उदाहरणों से सतत पर्यटन की वैश्विक स्थिति पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों को यात्रा को जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी।मुख्य अतिथि आम्रपाली विश्वविद्यालय के प्रो. प्रशांत शर्मा ने स्थानीय समुदाय की भागीदारी और “वोकल फॉर लोकल” की महत्ता बताते हुए पर्यटन स्थलों की स्वच्छता, सुरक्षा की जिम्मेदारी पर जोर दिया। संगोष्ठी में रोजगार, पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय सहभागिता व जिम्मेदार पर्यटन जैसे विषयों पर विचार–विमर्श हुआ। वक्ताओं ने पर्यटन को आर्थिक विकास के साथ–साथ सांस्कृतिक और पर्यावरणीय चेतना का वाहक बताया।कार्यक्रम समापन पर प्रो. पी. डी. पन्त ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा पर्यटन स्थलों की स्वच्छता व संरक्षण की अपील की। इस मौके पर कई फैकल्टी सदस्य व विद्यार्थी उपस्थित रहे

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