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उत्तराखण्ड

राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास डॉ हृदयेश कुमार,

अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक ट्रस्ट द्वारा सैक्टर 56 आशियाना अपार्टमेंट फरीदाबाद हरियाणा में राष्ट्रीय बालिका दिवस
पर विशेष चर्चा हुई भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य देश में लड़कियों द्वारा झेली जा रही समस्याओं को उजागर करना और उनके अधिकारों व कल्याण की वकालत करना है।
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के संस्थापक डॉ हृदयेश कुमार ने विशेष रूप से राष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस दिन का मुख्य उद्देश्य लड़कियों के अधिकार, शिक्षा और कल्याण को बढ़ावा देना है। 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा आरंभ किया था
राष्ट्रीय बालिका दिवस 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया। इसका उद्देश्य लड़कियों द्वारा झेली जाने वाली कठिनाइयों को उजागर करना है। यह लैंगिक असमानता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में भेदभाव जैसी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करता है। इसके अलावा, यह बाल विवाह जैसी हानिकारक प्रथाओं को समाप्त करने पर जोर देता है, जो लड़कियों की शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य के रास्ते में बाधा बनती हैं। राष्ट्रीय बालिका दिवस लड़कियों और महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव मनाता है और उनके सामने आने वाली प्रणालीगत चुनौतियों को संबोधित करता है। यह दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पद ग्रहण के दिन के साथ मेल खाता है, जो महिला सशक्तिकरण में हुई प्रगति और भारत में लैंगिक समानता की लड़ाई का प्रतीक है।
इसके लिए भारत सरकार द्वारा अनेकों योजना चलाई जा रही हैं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, लाड़ली लक्ष्मी योजना ,माध्यमिक शिक्षा में बालिकाओं को प्रोत्साहन के लिए राष्ट्रीय योजना, सुकन्या समृद्धि योजना , बालिका समृद्धि योजना, नंदा देवी कन्या योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, माझी कन्या भाग्यश्री योजना, मुख्यमंत्री राजश्री योजना और भारत में बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कानून बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006: बाल विवाह को समाप्त करने के लिए इसे दंडनीय बनाता है।
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012: बाल शोषण के मामलों को संबोधित करता है। ट्रैक चाइल्ड पोर्टल (2012 से क्रियाशील): यह गुमशुदा बच्चों और बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले बच्चों के बीच मेल करवाने में मदद करता है।
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना: कोविड-19 में अनाथ हुए बच्चों का समर्थन करता है।
लिंगानुपात

नारी शक्ति के परिश्रम से भारत विश्वगुरु बन जाएगा l
बालिकाओं के प्रयासों से ही एक स्वर्णिम युग आएगा l l
संसार नतमस्तक है बालिकाओं के सम्मान में l
बालिकाएं इतिहास रच रही हैं पूरे हिंदुस्तान में l l
हम नारियों के बलिदानों में मिलकर गाथाएं गाएंगे l
शिक्षित समाज की कल्पना में, हम नारी की आवाज़ उठाएंगे l l
शिक्षा ही मानव जीवन को बेहद सरल बनाती है l
शिक्षित नारी मानव को मानवता सिखलाती है l l

इस आयोजन में विमलेश देवी, मनीषा देवी, सुष्मिता भौमिक, प्रियंका कुमारी, बेबी देवी, अर्चना देवी सीता देवी, पूनम चौधरी, नीलम शर्मा व अन्य छात्राएं शामिल रही

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