उत्तराखण्ड
सरकार का नया नियम, अब इन लोगों से छीन लिया जाएगा राशन कार्ड, देखें डिटेल,,
कही आप भी पात्र का राशन खा तो नही रहे है तो हो जाओ सावधान केंद्र सरकार बहुत जल्दी इस पर करवाई करने जा रही हैं। नया नियम लागू : राशन कार्ड धारकों के लिए बेहद जरूरी खबर है। दरअसल राशन कार्ड को लेकर नियमों में कुछ बदलाव किया गया है। इसके बाद करोड़ों लोग प्रभवित होंगे। इसके पहले आपको बता दें कि सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान फ्री राशन योजना शुरू की थी, जिसके तहत सरकार ने फ्री राशन देने का ऐलान किया था। तब से लेकर अब तक लोगों को फ्री राशन दिया जा रहा है और सभी लोग इसका फायदा भी उठा रहे हैं। वहीं हाल ही में सरकार को पता चला कि कुछ लोग इस योजना के पात्र नहीं हैं, फिर भी फ्री राशन ले रहे हैं और कई लोग इस योजना के पात्र और उन्हें राशन नहीं मिल रहा है। इसके बाद सरकार ने एक्शन लिया और नया नियम लागू किया।
आपको बता दें कि सरकार ने जो नया नियम बनाया है, उसके मुताबिक आपात्र लोगों को राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए कहा जा रहा है। वहीं अगर कोई आपात्र राशन कार्ड धारक अपने राशन कार्ड को सरेंडर नहीं करता है तो उसके खिलाफ जांच करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नए नियम के मुताबिक, अगर किसी के पास 100 वर्ग मीटर से अधिक का प्लॉट, फ्लैट या घर, चार पहिया वाहन या ट्रैक्टर, गांव में 2 लाख से ज्यादा और शहर में 3 लाख से ज्यादा की पारिवारिक आय है तो ऐसे लोगों को अपना राशन कार्ड सरेंडर करना होगा। इन लोगों को अपना राशन कार्ड तहसील और डीएसओ कार्यालय में जमा करना होगा।
अगर कोई अपना राशन कार्ड सरेंडर नहीं करता है तो ऐसे लोगों का कार्ड स्क्रूटनी के बाद रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। यही नहीं जब से वह राशन ले रहे हैं तब से उनसे राशन की वसूली की जाएगी।
जो लोग हैं आपात्र
ऐसे परिवार जिनके पास मोटरकार, ट्रैक्टर, एसी, हार्वेस्टर, 5 केवी या अधिक क्षमता का जनरेटर, 100 वर्ग मीटर प्लॉट या घर, पांच एकड़ से अधिक भूमि, एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस, आयकर दाता, ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्र में पारिवारिक आय 2 लाख 3 लाख रुपये सालाना से ज्यादा है तो इन्हें राशन कार्ड के लिए आपात्र माना जाएगा। ।80 करोड़ लोग ले रहे फ्री राशन का फायदा।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में करीब 80 करोड़ लोग फ्री राशन का फायदा उठा रहे हैं। इनमें से कई ऐसे लोग हैं, जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं। इसी वजह से सार्वजनिक वितरण मंत्रालय मानकों में बदलाव करने जा रहा है, ताकि कोई भी इसका गलत इस्तेमाल न कर सके।