उत्तराखण्ड
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की 33वीं विद्या परिषद बैठक सम्पन्न,,
शैक्षणिक व अनुसंधान गुणवत्ता को सुदृढ़ करने से संबंधित 24 प्रस्तावों पर हुई चर्चा, अनेक निर्णयों को मिली संस्तुति
हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी की 33वीं विद्या परिषद की बैठक सोमवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय में कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, अनुसंधान तथा संस्थागत गुणवत्ता को मजबूत करने के उद्देश्य से रखे गए 24 प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया। सभी प्रस्ताव सर्वसम्मति से आगामी वित्त समिति एवं कार्यपरिषद की बैठक में रखने हेतु अनुमोदित किए गए।बैठक की शुरुआत में पिछली 32वीं विद्या परिषद की बैठक में पारित प्रस्तावों पर हुई कार्यवाही की पुष्टि की गई। बैठक का संचालन कुलसचिव एवं सदस्य सचिव श्री खेमराज भट्ट ने किया।बैठक में बाह्य सदस्य के रूप में प्रोफेसर पी. एस. बिष्ट, विभागाध्यक्ष भौतिक विज्ञान विभाग एवं परिसर निदेशक, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा, तथा प्रोफेसर ब्रजेश कुमार पाण्डेय, उपकुलपति जे.एन.यू. और डीन, संस्कृत एवं भारतीय अध्ययन विद्याशाखा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, ऑफलाइन रूप से उपस्थित रहे। वहीं डॉ. मनु प्रताप सिंह, विभागाध्यक्ष, कम्प्यूटर साइंस विभाग, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, और डॉ. ए. सी. पुरोहित, डीन, प्रबन्ध अध्ययन विद्याशाखा, दून विश्वविद्यालय, देहरादून से ऑनलाइन शामिल हुए। विश्वविद्यालय की सभी विद्याशाखाओं के निदेशक भी बैठक में उपस्थित रहे।बैठक के प्रमुख निर्णयबैठक में विश्वविद्यालय के दशम दीक्षांत समारोह के आयोजन का अनुमोदन किया गया। राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम “असिस्टेंट होटल स्टे मैनेजर (लेवल–5)” की प्रशिक्षण पुस्तिका व दिशा-निर्देशों के प्रस्ताव को संस्तुति दी गई।शोध उपाधि अधिनियम–2023 के अंतर्गत शोध निदेशकों की मान्यता को लेकर बनी समिति की सिफारिशों को स्वीकृति मिली। साथ ही, विश्वविद्यालय में शोध संवर्द्धन परिषद (Research Promotion Council) की स्थापना का निर्णय बैठक में लिया गया।महिला अध्ययन केंद्र से प्रकाशित होने वाली शोध पत्रिका “विदुषी” के लिए नियमावली बनाई जाएगी। शोधार्थियों व विद्यार्थियों के लिए फैलोशिप तथा छात्रवृत्ति योजनाएँ प्रारंभ करने और शिक्षकों हेतु लघु शोध परियोजनाएँ प्रारंभ करने के प्रस्तावों पर भी सकारात्मक विचार हुआ।बैठक में CIQA, परीक्षा समिति, प्रवेश समिति एवं अध्ययन बोर्डों की सिफारिशों को अनुमोदित किया गया। कुलपति प्रो. लोहनी ने बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर गुणवत्तापरक शिक्षा एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा।





















