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उत्तराखण्ड

होलिका दहन से पहले चीर की पूजा अर्चना करते हुई महिलाएं,,

अजय कुमार वर्मा

हलद्वानी होली ग्राउंड में होलिका की चीर पर महिलाओं को आस्था का सैलाब देखने को मिला। मान्यता के अनुसार होली पर्व पर हर किसी की मनोकामना होती हैं कोई दुख से निजात के अपनी आस्था रखता है कि अगले साल मेरी होली सुख समृद्धि लेकर आए। और कोई अपने परिवार के लिए इस पावन पर्व पर इंतजार करता है कि हमें एक आस्था का मार्ग मिलेगा। जिसे हमे श्रदा पूर्ण रीति रिवाज से मानना है इस दौरान हम होलिका दहन का धर्म और रीती-रिवाज को लेकर हिन्दू धर्म में अनूठी श्रद्धा है। रंगों का उत्सव होली का पर्व आने में अब बस चंद दिन ही बाकी है। इस साल 25 मार्च को होली मनाई जाएगी। वहीं इससे एक दिन पहले होलिका दहन होगा। यानी 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। होलिका को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, होलिका दहन की विधिवत पूजा करने से घर में नकरात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। इतना ही नहीं होलिका दहन की पूजा विधिवत के साथ करने से परिवार के सदस्यों को बीमारियों से मुक्ति मिलती है। आइये जानते हैं होलिका दहन की पूजा में क्या-क्या सामग्री लगती है और इसकी विधि क्या है।

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