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उत्तराखण्ड

हम बदलेंगे, जग बदलेगा -ललित जोशी

युवाओं ने स्वयं को नशा मुक्त रखने का लिया संकल्प।

“जो भरा नहीं हा भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं। प्रदेश में नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान चला रहे मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति उत्तराखंड के अध्यक्ष एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने जब रामकुमारी अग्रवाल सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज खटीमा में इन पंक्तियों के साथ युवाओं के बीच अपने संवाद की शुरुआत कि तो पूरा स्कूल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

प्रदेश में नशा उन्मूलन पर कार्य कर रही मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति अपने अभियान को जारी रखते हुए आज ऊधमसिंह नगर जनपद पहुँची जहां खटीमा स्थित रामकुमारी अग्रवाल सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज में समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद किया। संवाद के दौरान उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने की सलाह दी, उन्होंने कहा कि पूरा विश्व आज भारत को युवाओं के देश के रूप में देखता है लेकिन यहाँ के कुछ युवा इम्प्रेशन जमाने, दोस्तों के साथ पार्टी मनाने या किसी अवसाद के चलते भी नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। जिससे वह अपना शारीरिक व मानसिक नुकसान तो कर ही रहे हैं, बल्कि अपने माता-पिता व देश का नाम भी खराब कर रहे हैं। उत्तराखंड में देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में नशा सबसे अधिक देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज युवाओं को कुछ ज़रूरी बातों को आत्मसात करने की जरूरत है, नशा मादक पदार्थों का नहीं बल्कि अच्छी शिक्षा, संगीत, राष्ट्रप्रेम का करें। जीवन में कभी भी कोई परेशानी आए तो उसे अपने माता-पिता व गुरूजनों से साझा करें, आपके माता-पिता व गुरूजन हमेशा आपको सही राह पर चलने की शिक्षा देंगे।

उन्होंने कहा कि जिस देश का युवा नशे की गिरफ्त में होगा फिर उस देश के लिए एक समृद्ध राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने आगाह किया कि आज कुछ विदेशी ताक़तें हमारे देश के युवाओं को नशा रूपी जाल में फँसाना चाहते हैं, जिससे कि वह हमारे देश के युवाओं को उनके लक्ष्य से भटकाकर देश की जड़ों को कमजोर कर सकें। उन्होंने बताया कि आतंकवाद को सबसे ज़्यादा फंडिंग नशे के कारोबार से होती है। जाने अनजाने में नशा करने वाले युवा आतंकवाद को बढ़ावा देते है। अतः हम सब को नशा मुक्त समाज के निर्माण का संकल्प लेना चाहिये।

उनके विचारों से स्कूल के युवा काफी प्रभावित हुए, इस दौरान छात्र-छात्राओं ने अपने विचार साझा किए और नशे से दूर रहने का संकल्प लिया। स्कूल की एक छात्रा ने बेहद भावुक होकर बताया कि नशे के कारण उन्होंने अपने चाचा-चाची को खोया है, जिसके चलते आज उनके छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो गए हैं। और उन बच्चों का लालन-पालन मेरे माता-पिता करते हैं। छात्रा ने अपने साथियों से कभी भी नशा न करने की अपील की। संवाद के अंत में छात्र- छात्राओं को नशे से दूर रहने की शपथ भी दिलाई गई। संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले युवाओं को मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

युवा संवाद कार्यक्रम में रामकुमारी अग्रवाल सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य बी.एस. बोरा, अध्यापक बसन्त बल्लभजोशी एवं मानवाधिकार संरक्षण समिति की टीम से मोहित बिष्ट, योगेश चिराल, हिमांशु कांडपाल, दीवान सिंह स्कूल के शिक्षक एवं कर्मचारीगण सहित 1000 से अधिक छात्र-छात्राएँ शामिल रहे।

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