परोपकार से बड़ी कोई सेवा नही है,,
एक जमाना था जब आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अविष्कार नही हुआ था उस समय ऋषि मुनि नाडी देख कर उस बीमारी का उपचार किया करते थे धीरे धीरे युग बदला और नई युग का अविष्कार होता गया , आज हम बात करते है वैद नरेंद्र सिंह भसीन नाडी रोग विशेषज्ञ,,जो एक सम्पन परिवार से हैं ईश्वर का इनके ऊपर बहुत बड़ा आश्रीवाद हैं बिना किसी लालच के काफी लंबे समय से अपनी पद्धति से उपचार करना,, जो सिर्फ परोपकार के लिए ही सेवा करते हैं,बिना किसी शुल्क के रोगी को देखना एवम उनके रोग के बारे में मरीज को जानकारी देना उसके बाद आयुर्वेद पद्धति से उनका उपचार करना मेरे मन में शंका थी आज आधुनिक युग में क्या संभव है ,, मैने जानकारी मांगी तो थोड़ा तो मुझे नाराजगी जताई बोले मुझे नही चाहिए कुछ आप अपनी जानकारी अपने पास रखे , मुझे मेरा काम करने दीजिए मै अपनी माता जी को लेकर गया था,पर वैद नरेंद्र सिंह भसीन के पास बड़ी दूर दूर से रोगी आए हुए ,तथा नाडी देख कर उनकी बीमारी के बारे में मरीज को अवगत करा रहे थे,इस आधुनिक युग में आज नए नए सिस्टम का अविष्कार हुआ है तथा विज्ञान को पीछे छोड़ते हुए वैद नरेंद्र सिंह भसीन जी एक नाडी से रोगों की जानकारी प्राप्त करना ये एक अद्भुत क्षमता है जिन मरीजों को आराम हुआ है वह भी अपनी दवा लेने पहुंचे हुए थे, एक मरीज रामपुर से आए थे उनसे पूछा कि क्या आपको आराम मिला तो वो बोले कि में ,80 किलोमीटर दूर से आया हु अपनी पत्नी को हर जगह दिखाया पर कही कोई फायदा नहीं हुआ है मेरी पत्नी को वैद नरेंद्र सिंह भसीन जी आराम मिला है, हाला कि वह रोज सिर्फ 10,15 मरीज ही देखते हैं कोई परिचय नही कोई कुछ एक साधारण व्यक्ति की तरह आप अपना ईलाज करवाए ,
परोपकार से बड़ी कोई सेवा नही है,,
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