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भवाली में रिसाइक्लिंग प्लांट के लिए पॉलिका जिलाधिकारी से लेगी निर्णय

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भवाली में रिसाइक्लिंग प्लांट के लिए पॉलिका जिलाधिकारी से लेगी निर्णय

भवाली। नगर पॉलिका ने गुरुवार को प्रेस नोट जारी कर कहा कि भारत सरकार के पर्यावरण एक्ट 1986 के अर्न्तगत कूड़ा प्रबंधन अधिनियम 2016 नोटिफिकेशन अन्तर्ग खुले में कूड़ा फैकना निषेध है। जिससे घर घर जाकर कूड़ा एकत्र कर यूजर चार्ज वसूला जा रहा है। कूड़े के निस्तारण हेतु जमीन उपलब्ध न हो पाने कारण समस्त कूडा हल्द्वानी कलस्तर में भेजा जा रहा है। जिससे पालिका पर कूड़े के निस्तारण में परिवहन व्यय व कलस्तर फीस के रूप में अतिरिक्त धनराशि व्यय हो रही है। र नगर पालिका द्वारा अपनी सीमार्न्तगत कूड़ा निस्तारण का निर्णय लिया गया। जिसके बाद टेंडर की प्रक्रिया की गई। साथ ही पावनी एनवारोमेन्ट एण्ड एनर्जी मैनेजमेंट की निविदा सबसे कम दर प्राप्त हुई। जिसे पालिका हित में स्वीकार कर काम दिया गया। संस्था द्वारा अपना प्रोजेक्ट स्थापित की कार्यवाही की गई तो स्थानीय जनता द्वारा इसका विरोध किया गया। जनता का कहना है कि नगर पालिका द्वारा स्थल पर कूड़ा घर बनाया जा रहा है, जबकि कूड़ा घर ना बनाकर कूड़ा निस्तारण हेतु रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है, संस्था सभी मानकों का अनुपालन सुनिश्चत कर काम करेगी। साथ ही संस्था द्वारा अपने स्वयं के खर्च में मशीनें स्थापित की जा रही हैं। नगर पालिका से मात्र कूड़ा निस्तारण शुल्क लिया जा रहा है कहा कि वर्तमान में जबकि नगर पालिका के पास कूड़ा निस्तारण हेतु टेचिंग ग्राउण्ड उपलब्ध नहीं है। शहर का पूरा कूड़ा हल्द्वानी कलस्तर में भेजा जा रहा है। प्लांट स्थापित होगा तो शहर कूड़ा मुक्त शहर के रूप में जाना जाएगा। पॉलिका ईओ संजय कुमार ने बताया कि जीएफ सी के निर्देश पर 31 दिसम्बर 2022 तक फ्री गार्बेज शहर के रूप में शहर बनाना है। कूड़ा घर नही सरकार के आदेशों के अनुसार रिसाइक्लिंग प्लांट लगाया जा रहा है। इससे पर्यावरण प्रदूषण नही होता। संस्था मानकों के अनुसार कामकरती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की आपत्ति जिलाधिकारी के सामने रखी जायेगी। उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
पाऊंनी इंटरप्राइजेज प्रतिनधि अंकित सिंह ने बताया कि चारों तरफ बाउंड्री कर रिसाइकल प्लांट लगाया जाता है। इससे 1 फीसदी भी पर्यावरण दूषित नही होता। सभी चीजों को ध्यान में रखकर प्लांट चलाया जाता है। काम करने वाले कर्मचारियों का भी साफ सफाया को ध्यान में रखकर काम किया जाता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सहित सभी राज्यों में प्लांट लगाए गए हैं।

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