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उत्तराखण्ड

महिला एवम बाल विकास विभाग नैनीताल द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत “बालिकाओं द्वारा असुरक्षित स्थानों के चिन्हीकरण” विषय में कार्यशाला आयोजित की गई,

जिलाधिकारी बंदना सिंह के निर्देशानुसार आज दिनांक 13 दिसंबर 2024 को हल्द्वानी के बचे हुए स्कूलों में संवेदीकरण कार्यशाला शुरू की गई जिसके क्रम में आज जीआईसी, हरीपुर जमन सिंह, में कार्यशाला संपन्न हुई। महिला एवम बाल विकास विभाग नैनीताल द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत “बालिकाओं द्वारा असुरक्षित स्थानों के चिन्हीकरण” विषय में कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में जनपद के विभिन्न विभाग जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा एवम परिवीक्षा विभाग से आए हुए अधिकारियों द्वारा बालिकाओं से उनकी समस्याओं के बारे में चर्चा की गई। डिप्टी कलक्टर, नैनीताल श्रीमती ऋचा सिंह ने बालिकाओं से वार्ता करते हुए ऐसे स्थानों के बारे में पूछा जहां पर वह असुरक्षित महसूस करती हैं, साथ ही बताया कि पिछली कार्यशालाओं में चिन्हित स्थानों पर समस्त संबंधित विभागों द्वारा लगातार कार्यवाही भी की जा रहा है, जिलाधिकारी महोदया द्वारा विभिन्न विभागों के लिए SOP भी जारी कर दी गई है एवं मुख्य सचिव महोदया द्वारा भी इन कार्यशालाओं को पूरे राज्य में करवाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। बाल विकास अधिकारी शिल्पा जोशी ने हेल्पलाइन नंबर की जानकारी दी और बताया कि हल्द्वानी में इन कार्यशालाओं का असर देखने को मिल रहा है। बालिकाओं द्वारा विभिन्न स्थानों को चिन्हित किया गया और साथ ही बताया गया कि चिन्हित जगहों पर शराब एवं ड्रग्स की बिक्री होती है, लड़के झुंड बनाकर कुछ दुकानों, होटल्स एवं ठेलों पर खड़े रहते हैं और नशे की हालत में आती जाती लड़कियों को छेड़ते हैं, कुछ सुनसान जगह में लड़के नशे में पीछा करते हैं, स्पीड से बाइक चला कर टक्कर मारकर जाते हैं, और कुछ चिन्हित जगहों पर स्ट्रीट लाइट न होने के कारण अंधेरे में बालिकाओं को सुरक्षित महसूस नहीं होता है। कार्यशाला मे बालिकाओं ने कुछ सुझाव भी पेश किए जैसे ढाबों, होटलों का लगातार निरीक्षण, बाइक एवं गाड़ियों को तेजी से दौड़ाने पर कार्यवाही, बालिकाओं के लिए सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग, CCTV, चिन्हित जगह पर लगातार पुलिस पेट्रोलिंग, गलियों में स्ट्रीट लाइट, रिक्शा स्टैंड पर एवम अन्य चिन्हित स्थानों पर गश्त आदि। कार्यशाला के बाद टीम द्वारा बालिकाओं के बताए कुछ स्थानों पर निरीक्षण भी किया गया जिसमें एक बंगाली डॉक्टर के क्लीनिक पर अनियमिताएं पाई गईं जिसमें स्वास्थ्य विभाग को कार्यवाही के लिए अवगत कराया गया साथ ही एक अन्य स्थान जहां पर बालिकाओं को जाने में भय लगता है वहां पर शराब की खाली बोतलें पाई गई। इस कार्यशाला में चिन्हित स्थानों एवम कारणों के साथ समिति अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी महोदया को प्रेषित करेगी जिससे संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा। इन लगातार हो रहे कार्यक्रमों का उद्देश्य भय मुक्त वातावरण को बनाना है जहां बालिकाएं स्वयं को असुरक्षित ना महसूस करें और विश्वास के साथ कहीं भी आ जा सके, उन्हें आने-जाने में भय ना लगे और जिस भी क्षेत्र में छेड़छाड़ या बच्चियों को असुरक्षा महसूस हुई है उनमें जिलाधिकारी महोदया के निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है। कार्यक्रम में कॉलेज की शिक्षिकायें, बालिकाएं, बाल विकास सुपरवाईजर प्रियंका आर्या उपस्थित रहे।

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