उत्तराखण्ड
परिवहन विभाग द्वारा चोलामंडलम के द्वारा जब्त किए गए वाहनों का जवाब मांगा,,जारी किया नोटिस,,
पवनीत सिंह बिंद्रा
हल्द्वानी। चोलामण्डलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड की ओर से वाहनों की जब्ती को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सम्भागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) हल्द्वानी सुनील शर्मा ने कम्पनी को नोटिस जारी कर यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या उनके द्वारा वाहन कब्जे में लेने की प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय व भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए की गई है या नहीं।
आरटीओ हल्द्वानी शर्मा द्वारा जारी नोटिस में उल्लेख किया गया है कि 2 अगस्त को लुधियाना ट्रांसपोर्ट यार्ड, गुमटी लालकुआं के निरीक्षण में लगभग 60 से 70 वाहन खड़े पाए गए, जिनमें से कई वाहन चोलामण्डलम फाइनेंस द्वारा पुनः कब्जे में लिए गए बताए गए। यार्ड संचालक से जब न्यायोचित दस्तावेजों जैसे कोर्ट आदेश या प्री-रीपोस्सेशन नोटिस मांगे गए तो उसने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया।
आरटीओ ने कम्पनी से यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि क्या वाहन कब्जे की कार्यवाही में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसलों का पालन किया गया।
इसके अतिरिक्त, आरबीआई 12 अगस्त 2022 के दिशा-निर्देशों का भी हवाला दिया गया है, जिसमें वाहन पुनः कब्जे में लेने की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से निर्धारित है।
आरटीओ ने 7 दिनों के भीतर निम्न बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
प्री-रीपोस्सेशन नोटिस की प्रतियां, रिकवरी एजेंसी के माध्यम से भेजे गए नोटिस, स्थानीय थाने को दी गई सूचना की प्रतियां व वाहन जब्ती की तिथि और पूरी प्रक्रिया का ब्यौरा।
नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समय में सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई, तो इसे अवैधानिक व बलपूर्वक कार्यवाही मानते हुए नियमानुसार आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी। कुल मिलाकर परिवहन विभाग की इस सख्ती के बाद वाहन फाइनेंस कंपनियों पर कानून सम्मत प्रक्रिया अपनाने का दबाव बढ़ गया है।
हल्द्वानी में चोलामण्डलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा वाहनों की जब्ती की वैधता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। आरटीओ हल्द्वानी, सुनील शर्मा ने कंपनी को यह स्पष्ट करने के लिए नोटिस जारी किया है कि क्या कंपनी ने वाहन कब्जे में लेने की प्रक्रिया के दौरान सुप्रीम कोर्ट और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों का पालन किया या नहीं[1]।
नोटिस के अनुसार, 2 अगस्त को आरटीओ टीम ने लुधियाना ट्रांसपोर्ट यार्ड, गुमटी लालकुआं का निरीक्षण किया, जहाँ 60-70 वाहन खड़े मिले, जिनमें से कई वाहन चोलामण्डलम फाइनेंस कंपनी द्वारा कब्जे में लिए गए थे। जब यार्ड संचालक से न्यायसंगत दस्तावेज जैसे कोर्ट ऑर्डर या प्री-रीपोस्सेशन नोटिस मांगे गए, तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया[1]।
आरटीओ ने कंपनी से सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसलों और RBI के 12 अगस्त 2022 के विस्तृत दिशा-निर्देशों के अनुसार पूरी जब्ती प्रक्रिया की रिपोर्ट मांगी है, जिसमें प्री-रीपोस्सेशन नोटिस, नोटिस की डिलीवरी सबूत, स्थानीय थाने को सूचना, जब्ती तिथि व पूरी प्रक्रिया का ब्यौरा 7 दिन के भीतर मांगा गया है
नोटिस में चेतावनी दी गई है कि समयसीमा में जानकारी न देने पर इस प्रक्रिया को अवैधानिक मानते हुए कंपनी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर किया जाएगा, और इसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी[1]। इस कार्रवाई के बाद वाहन फाइनेंस कंपनियों पर कानूनन प्रक्रिया का पालन करने का दबाव बढ़ गया बिना विधिक प्रक्रिया के जब्ती पर उठे सवाल, एवं चोलामण्डलम फाइनेंस कंपनी से जवाब मांगा गया है इस दौरान परिवहन अधिकारी डॉ गुरदेव सिंह मौजूद थे,





